बिहार

bihar

बिहार: NMC बिल के खिलाफ डॉक्टर, IMA के आह्वान पर 31 जुलाई से करेंगे हड़ताल

By

Published : Jul 30, 2019, 8:31 PM IST

आईएमए के सचिव ब्रजनंदन कुमार ने कहा कि यदि एनएमसी विधेयक की धारा 32 नहीं हटाई गई तो सरकार को इसका अंजाम भुगतना होगा. उन्होंने कहा कि नीम हकीमों को वैध कराने वाली धारा 32 को जोड़ने से लोगों की जान खतरे में पड़ जाएगी.

आईएमए बिहार शाखा

पटना:एनएमसी बिल के खिलाफ देशभर में डॉक्टरों का आंदोलन जारी है. बिहार में भी 31 जुलाई से 1 अगस्त तक डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे. इस दौरान डॉक्टर ओपीडी कार्य का बहिष्कार करेंगे. हालांकि इमरजेंसी सेवा बाधित नहीं रहेगी. आईएमए के सचिव डॉ ब्रजनंदन कुमार ने इसकी जानकारी दी.

ओपीडी कार्य का होगा बहिष्कार
राज्य के मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के डॉक्टर और छात्र राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग विधेयक के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. सोमवार को लोकसभा में एनएमसी बिल पारित हो जाने के बाद आंदोलन और उग्र हो गया है. ऐसे में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने मेडिकल कॉलेजों के सभी छात्रों का आह्वान किया है कि वह विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन करें. बुधवार को सभी डॉक्टर ओपीडी कार्य का बहिष्कार करेंगे. ओपीडी कार्य का 31 जुलाई से 1 अगस्त तक बहिष्कार किया जाएगा. वहीं, इमरजेंसी सेवा को बाधित नहीं करने का निर्णय लिया गया है.

जानकारी देते आईएमए के सचिव ब्रजनंदन कुमार

क्या है एनएमसी बिल?
आइए जानते हैं कि आखिर एनएमसी बिल में क्या है और क्यों डॉक्टर इसके विरोध में हैं. आईएमए के सचिव ब्रजनंदन कुमार ने कहा कि यदि एनएमसी विधेयक की धारा 32 नहीं हटाई गई तो सरकार को इसका अंजाम भुगतना होगा. उन्होंने कहा कि नीम हकीमी को वैध कराने वाली धारा 32 को जोड़ने से लोगों की जान खतरे में पड़ गई है. आइएमए कुछ अन्य प्रावधानों के खिलाफ भी है. उन्होंने कहा कि एनएमसी विधेयक मरीजों की सुरक्षा से खिलवाड़ है. साथ ही यह लोकतंत्र, संघवाद और समान अवसर के संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन भी करता है.

सरकार करे इसपर विचार- ब्रजनंदन कुमार
आईएमए के सचिव ने कहा कि इस विधेयक में लाखों नॉन मेडिकल व्यक्ति को लाइसेंस देकर सभी प्रकार की दवा लिखने और इलाज करने का कानूनी अधिकार दिया जा रहा है. नॉन मेडिकल व्यक्ति को इलाज की मंजूरी देगी. इस बिल से सबसे ज्यादा उन छात्रों को हानि होगी जो गरीब तबके के हैं. साथ ही मेधावी छात्रों को भविष्य में इस बिल से काफी हानि उठानी पड़ेगी. यह बिल एंटी डॉक्टर एंटी सोशल है. उन्होंने कहा कि इस पर सरकार को विचार करना होगा नहीं तो आंदोलन और उग्र होगा.

मरीजों को होगी परेशानी
बहरहाल, राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डॉक्टरों की हड़ताल से मरीजों को काफी फजीहत उठानी पड़ सकती है. एक तरफ जहां एंबुलेंस सेवा हड़ताल पर है. वहीं, दूसरी तरफ डॉक्टरों की हड़ताल बुधवार से होने जा रही है. इससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details