पटनाः हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा बिहार में एनडीए शामिल है. इसके बावजूद 2021 के आम बजट पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने निजी क्षेत्रों में आरक्षण न मिलने पर दुख जताया था. जीतनराम मांझीचाहे केंद्रीय बजट हो या लोजपा को एनडीए के बैठक में बुलाने का मामला हो, सभी पर निशाना साधते नजर आ रहे हैं. वहीं जीतनराम मांझी के बयान पर हम प्रवक्ता विजय यादव ने कहा है कि बजट बहुत अच्छा है. हम प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को धन्यवाद भी देते हैं. लेकिन जिस तरह निजीकरण की बात की गई है उसमें आरक्षण जरूरी है.
लोजपा ने किया है विश्वासघात
हम प्रवक्ता विजय यादव का कहना है कि दलितों, पिछड़ों और गरीबों को निजी क्षेत्र के नौकरियों में आरक्षण मिलना चाहिए. लोजपा को लेकर अभी भी हम पार्टी का तेवर कम होते नहीं दिख रहा है. हम प्रवक्ता के कहना है कि लोजपा ने एनडीए गठबंधन के साथ विश्वासघात किया है. वो एनडीए में नहीं हैं, अगर वह आते हैं तो एनडीए गठबंधन पर भी हमारी पार्टी सोचेगी.
सभी को भावना को प्रकट करने का अधिकार
भाजपा की कई नीतियों का जदयू से पहले हम पार्टी आगे विरोध करती नजर आ रही है. वहीं नीतीश कुमार भी हम पार्टी के जरिये दलित वोट बैंक को साधने की कोशिश कर रहे हैं. जिससे चिराग पासवान की पार्टी लोजपा को जवाब दे सकें. फिलहाल इन सब मुद्दे पर बीजेपी प्रवक्ता अखिलेश सिंह का कहना है कि मांझी जी अपने भावनाओं का प्रकटीकरण कर रहे हैं. लोकतंत्र में सभी को अपने भावना को प्रकट करने का अधिकार है. लेकिन हम लोगों को उनके नियत पर कोई संशय नही है वो एनडीए के मजबूत साथी हैं और रहेंगे. बिहार के विकास में वो मजबूत भागीदारी देंगे.
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मांझी के बयान पर बोलने से बच रहे भाजपाई
भले ही भाजपा के नेता खुलकर मांझी के बयान पर कुछ जवाब नही दें. लेकिन जिस तरह मांझी मंत्रिमंडल विस्तार से पूर्व एक मंत्री के पद की दावेदारी और विधान पार्षद की की सीट मांगी है और बजट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. वहीं लोजपा के मामले पर जिस तरह बयान दे रहे हैं. इससे तो स्पष्ट है कि मांझी एनडीए गठबंधन में भी आकर अपने आपको पूरी तरह से फिट नहीं महसूस कर रहे हैं.