पटना:बिहार में साइबर फ्रॉड (Cyber Fraud in Bihar) के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है. साइबर फ्रॉड और सिम क्लोनिंग के साथ-साथ मोबाइल एप के सहारे या नए-नए तरीकों को इजाद कर आम लोगों के साथ-साथ खास लोगों से भी ठगी कर रहे हैं. पटना पुलिस मुख्यालय सहित पटना पुलिस के साइबर डाटा को सुरक्षित रखने वाले साइबर एक्सपर्ट राजन सिंह (Cyber Expert Rajan Singh) कहते हैं कि कहते हैं कि डार्कनेट साइबर का वह हिस्सा है, जो आप लोगों की जिंदगी से अछूता रहता है. जिस इंटरनेट को आम लोग एक्सेस ना कर पाए उसे ही हम डार्कनेट कहते हैं.
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''इंटरनेट एक बहुत बड़ा डाटा का समुंदर है और आम लोग इस इंटरनेट का महज 4% स्पेस को ही एक्सेस कर पाते हैं और जो शेष 96% के इंटरनेट का हिस्सा है, उसे ही डार्क नेट (Dark Net) कहते हैं और साइबर फ्रॉड (Cyber Fraud) इसी डार्क नेट के जरिए आम लोगों के डाटा की खरीद फरोख्त (Danger from Dark Net on internet) करते हैं.''-राजन सिंह, साइबर एक्सपर्ट
साइबर फ्रॉड ऐसे करते हैं डाटा हैक: साइबर एक्सपर्ट राजन सिंह ने बताया कि डार्क नेट में जितने भी इनलीगल क्राइम है जैसे ह्यूमन ट्रैफिकिंग, ड्रग ड्रिलिंग, लिकर डीलिंग, चाइल्ड ट्रैफिकिंग, क्रेडिट कार्ड डेबिट कार्ड का इंफॉर्मेशन बेचना और आम लोगों से जुड़ी डिजिटल डाटा को खरीदना और बेचना होता है. साइबर फ्रॉड से जुड़े लोग के कंप्यूटर और मोबाइल को हैक करके उनके डाटा को चुराकर इसी डार्क नेट के जरिए साइबर फ्रॉड को बेच देते हैं और उसके बाद साइबर फ्रॉड डार्क नेट के जरिए उपलब्ध करवाए गए डाटा के माध्यम से आम लोगों को साइबर फ्रॉड का शिकार बनाता है.
सिंपल ब्राउजर पर नहीं चलता डार्क नेट:डार्क नेट को एक्सेस करने के लिए सिंपल ब्राउजर की जरूरत नहीं पड़ती है. डार्क नेट सिर्फ और सिर्फ एक स्पेशल ब्राउजर जिसका नाम अनियन ब्राउजर या फिर टोल ब्राउजर है उसी के जरिए वीपीएन को कनेक्ट कर इसे खोला जा सकता है. साइबर फ्रॉड इसी डार्क नेट के जरिए आम लोगों के डाटा की खरीद-फरोख्त करते हैं.