बिहार

bihar

ETV Bharat / state

Bihar Politics ..तो इसलिए ILU बोल रहे थे खुर्शीद, जो KCR और कांग्रेस नहीं कर सके, 'लाल' ने कर दिखाया?

अब जबकि चुनाव करीब आ रहा है तो ऐसी स्थिति में भाकपा माले बिहार में विपक्षी नेताओं को एकजुट करने की मुहिम चला रही है. तमाम भाजपा विरोधी दलों को आमंत्रित किया गया था. सीएम नीतीश कुमार ने पीएम पद की दावेदारी जहां छोड़ी वहीं कांग्रेस ने नीतीश कुमार को आगे आने को कहा. सलमान खुर्शीद ने गुजरात मॉडल के बजाय बिहार मॉडल के भरोसे नीतीश कुमार को ड्राइविंग सीट पर आने के संकेत दिए. तो क्या वाकई विपक्षी एकता से बीजेपी को 100 सीट पर बांध देगी जेडीयू? पढ़ें पूरी खबर-

Etv Bharat
विपक्षी एकता की कवायद

By

Published : Feb 20, 2023, 5:56 PM IST

पटना: मिशन 2024 के मद्देनजर विपक्षी एकताकी कवायद की जा रही है. विपक्षी एकता इतनी बढ़ गई कि मंच पर 'I Love You..' तक बोला जाने लगा. बिहार की धरती से दूसरी बार विपक्ष को एकजुट करने का बेड़ा भाकपा माले ने उठाया. राजधानी पटना में कई राजनीतिक दलों के नेताओं का जमघट लगा. लेकिन नेतृत्व को लेकर उहापोह की स्थिति रही. राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा को चुनौती देने के लिए बिहार से मुहिम शुरू हुई थी. लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार ने तमाम विपक्षी दलों को एक फोरम पर लाने के लिए कई दलों के नेताओं से मुलाकात भी की थी. लेकिन कांग्रेस पार्टी से अपेक्षित सहयोग नहीं मिलने के चलते गठबंधन मूर्त रूप नहीं ले सका. वही कांग्रेस आज 'लाल' मंच पर ईलू-ईलू कहने को मजबूर हो गई.

ये भी पढ़ें-Salman Khurshid: ..I LOVE YOU तक आई बात, मंच से सलमान खुर्शीद ने तेजस्वी-नीतीश को दिया जवाब


देश को मुक्ति दिलाना उद्देश्य: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाकपा माले के 11 वें महाधिवेशन में कहा था कि साल भर पहले भाजपा से अलग होने की बात हमारी पार्टी में चल रही थी और अंततः हम उनसे अलग हो गए. उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर आज काम कर रहे हैं. भाजपा से अलग होने पर सभी ने स्वागत किया. अब अधिक से अधिक पार्टियों को एकजुट करके लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे, तभी भाजपा से देश को मुक्ति मिलेगी.



एकजुट हुए तो 100 पर बीजेपी को समेट देंगे : उन्होंने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि आजादी की लड़ाई में इनलोगों की कोई भूमिका नहीं थी, लेकिन आज आजादी की लड़ाई को भुनाने का प्रयास कर रहे हैं. नया इतिहास बनाने की कोशिश कर रहे हैं. आजादी के बाद देश दो भागों में बंट गया लेकिन देश में विभिन्न धर्माें को मानने वालों में लंबे समय से एकता रही है. हम सबको इस एकता को और मजबूत करना है. उन्होंने आगे कहा कि देश में व्यापक विपक्षी एकता का निर्माण हो, यह समय की मांग है. हम कांग्रेस के जवाब का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने मंच पर बैठे कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद से कहा कि यह संदेश कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंचा दिया जाए. यदि हम सभी मिलकर चले तो भाजपा 100 के नीचे आ जाएगी.


मैं पीएम पद का दावेदार नहीं- नीतीश: नेतृत्व को लेकर भले ही सहमति ना बनी हो लेकिन तमाम दलों के नेताओं ने एकजुटता दिखाने की कोशिश की. नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री पद को लेकर स्पष्ट किया कि हम दावेदार नहीं हैं लेकिन भाजपा को चुनौती देने के लिए सब को एकजुट होने की जरूरत है. बैठक में नेताओं ने कांग्रेस को पहल करने पर बल दिया. नेतृत्व को लेकर भाकपा माले की स्पष्ट राय है कि पहले सभी दल एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ने और चुनाव के नतीजों के बाद नेतृत्व के विषय चर्चा की जाए.


आरजेडी 'हाथ' के संग लड़ने की इच्छुक: राष्ट्रीय जनता दल की ओर से स्पष्ट राय सामने आई. पार्टी की ओर से कहा गया कि कांग्रेस पार्टी जहां देशभर में बीजेपी को सीधे चुनौती दे रही है, वहां कांग्रेस को लड़ना चाहिए और जहां कांग्रेस पार्टी कमजोर है वहां सहयोगी दलों को लड़ना चाहिए.


सलमान खुर्शीद ने चौकाया: कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने सबको याद कर चौंका दिया कि जिस तरीके से गुजरात मॉडल को लेकर बीजेपी नेता देश भर में प्रचार अभियान चला रहे थे, उसी तरीके से नीतीश कुमार को भी बिहार मॉडल को लेकर देशभर में निकलना चाहिए और हम इस बात को प्रचारित और प्रसारित करने का काम करेंगे. जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा है कि हमारे नेता नीतीश कुमार ने विपक्षी एकजुटता के पक्ष में हैं नीतीश कुमार जी के राय के हिसाब से अगर राजनीतिक दल चलें तो बीजेपी को शो के अंदर समेटा जा सकता है.


आरजेडी-जेडीयू पर बीजेपी का पलटवार: राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा है कि हम नरेंद्र मोदी को चुनौती देने के लिए तैयार हैं. कांग्रेस पार्टी अगर सहयोगी दलों के साथ 121 सीटों पर समझौता कर चुनाव लड़े तो भाजपा को चुनौती दी जा सकती है. भाजपा प्रवक्ता नवल किशोर यादव ने कहा है कि विपक्ष की एकजुटता संभव नहीं है. महागठबंधन में नेतृत्व को लेकर झमेला है. नीतीश कुमार 40 सीटों में कितनी सीटों पर लड़ेंगे और कितनी जीतेंगे यह सबको मालूम है. वह प्रधानमंत्री पद के दावेदार कैसे हो सकते हैं.

''नीतीश जी का कोई ठौर ठिकाना है. नीतीश जी पर कोई विश्वास करता है? नीतीश का ही न सुझाव है? कब वो छोड़कर वहां से चले जाएंगे कोई समझ पाएगा? 2034 तक देश में कोई पीएम का पद खाली है? भारतीय जनता पार्टी 350 सीटों पर अकेले चुनाव जीतेगी. फिर नरेंद्र मोदी पीएम बनेंगे.'' -नवल किशोर यादव, भाजपा प्रवक्ता


क्या कहते हैं जानकार?: राजनीतिक विश्लेषक डॉ संजय कुमार का मानना है कि वामदल के अंदर प्रधानमंत्री पद पर कोई दावेदार नहीं है लिहाजा तमाम दल लाल झंडे के नीचे आ रहे हैं नेतृत्व को लेकर अब भी संकट की स्थिति है देखना यह दिलचस्प होगा कि भाकपा माले की पहल भविष्य में क्या रंग लाती है और कांग्रेस का क्या रुख होता है.

''वामपंथी नेतृत्व प्रधानंत्री की रेस में शामिल नहीं है. वो चाहती है कि दक्षिणपंथ को खुली चुनौती दें. पूंजीवादी और फासीवादी शक्तियों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करना चाहती. लेकिन प्रधानंत्री की रेस में नहीं हैं. जो कामयाबी केसीआर के निमंत्रण पर नहीं मिली, दिल्ली में नेताओं से मिलने पर नहीं मिली वो सफलता वामपंथियों के मंच पर मिली है. क्योंकि वामपंथी रेस से बाहर हैं, खुर्शीद समर्थन कर रहे हैं और नीतीश चाह ही रहे हैं पीएम कैंडिडेट बनना.'' -डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक

ABOUT THE AUTHOR

...view details