पटनाःबिहार जाति आधारित गणना 2022 के कार्यों के लिए विभिन्न मदों में किए जाने वाली दरों का निर्धारण कर दिया (Payment of honorarium for caste based census) गया है. सरकार द्वारा जारी निर्देश के अनुसार जाति आधारित गणना में संबंध कर्मियों और पदाधिकारियों के लिए एकमुश्त मानदेय प्रदान किया जाएगा. राज्य सरकार के उप सचिव ने शनिवार को निर्देश जारी कर दिया है.
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500 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमानः सरकार द्वारा जारी निर्देश के अनुसार जाति आधारित गणना से संबंधित कर्मियों और पदाधिकारियों को एकमुश्त मानदेय प्रदान किया जाएगा. इसके तहत प्रगणक को और पर्यवेक्षक को मानदेय के अलावा मोबाइल उपयोग के लिए भी अनुदान दिया जाएगा. ज्ञात हो की जाति आधारित गणना के लिए 8 स्तरों पर अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम काम करेगी. जाति आधारित जनगणना के लिए नौ महीने का वक्त दिया गया है. इसमें 500 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है. जनगणना के काम को फरवरी 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
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बैंक खाते में किया जाएगा भुगतानः निर्देश के अनुसार प्रगणक और पर्यवेक्षक को मोबाइल उपयोग के लिए ढाई-ढाई हजार रुपये अनुदान के अलावा प्रगणक को 7500 हजार रुपए, पर्यवेक्षक को 8000 रुपये, सहायक को 25 सौ रुपए, चार्ज/सहायक जांच अधिकारी को 25 हजार रुपये और जिला पदाधिकारी को 50 हजार रुपए एकमुश्त मानदेय मिलेगा. निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि मोबाइल उपयोग के लिए निर्धारित अनुदान की राशि का भुगतान प्रथम चरण के प्रारंभ होने के पहले प्रगणक, पर्यवेक्षक के बैंक खाते में किया जाएगा.