पटना:बिहार समेत पूरे देश में नए-नए तरीकों से साइबर ठगआम इंसान की गाढ़ी कमाई को लूट रहे हैं. बिहार सहित अन्य राज्यों में साइबर अपराध में अब हनीट्रैप के मामले भी सामने आ रहे हैं. महिलाओं का गैंग फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर मैसेंजर के माध्यम से हनीट्रैप के जरिए ठगी कर रहे हैं. आर्थिक अपराध इकाई की तरफ से लगातार आम लोगों को हनी ट्रैप और अन्य माध्यमों से लूटे जा रहे पैसे को लेकर अलर्ट किया जा रहा है. इसके बावजूद भी साइबर अपराध में कमी नहीं आ रही है.
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''साइबर क्राइम में महिलाएं फेसबुक पर फेक आईडी बनाकर उस फेसबुक आईडी पर किसी अन्य महिला का फोटो लगाकर मैसेंजर के माध्यम से युवाओं को मैसेज भेजती हैं''- अभिनव सौरभ, साइबर एक्सपर्ट, आर्थिक अपराध इकाई
हनीट्रैप से ठग रहा महिलाओं का गैंग 'हनीट्रैप' से गंवा न दें गाढ़ी कमाई
फेक फेसबुक आईडी बनाकर मैसेंजर या कॉल कर युवाओं को अपने जाल में फंसाती हैं. फेक फेसबुक आईडी वाली महिला पहले युवाओं को अपने प्रेम जाल में फंसाने का नाटक करने के बाद उनसे अश्लील बातें करती हैं. जिसके बाद स्क्रीन रिकॉर्डर के माध्यम से उन बातों को रिकॉर्ड कर उनके परिवार के सदस्यों को भेजने की धमकी देकर उनसे पैसे ऐंठती हैं.
वीडियो चैट के जरिए ब्लैकमेल
गैंग की महिलाएं एक स्क्रीन रिकॉर्डिंग एप्लीकेशन का उपयोग करके अश्लील वीडियो चैट रिकॉर्ड करती हैं और फिर उसी युवक को भेजा करते हैं. जाल में फंस चुके युवकों को उसका अश्लील फोटो या वीडियो को परिजनों और रिश्तेदारों के पास भेजने, सोशल मीडिया पर प्रसारित कर बदनाम करने और साइबर कांड दर्ज करने की धमकी देकर उसे ब्लैकमेल कर उससे पैसे की उगाही का कार्य करती हैं.
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फिशिंग के जरिए साइबर फ्रॉड
आर्थिक अपराध इकाई के साइबर एक्सपर्ट अभिनव सौरभ की माने तो इन दिनों साइबर फ्रॉड नए-नए तरीकों के साथ किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि फिशिंग के माध्यम से साइबर फ्रॉड आम इंसान के लॉगिन आईडी को चुराकर उनके अकाउंट में घुसकर उनके अकाउंट के पैसे को 1 दिन के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट में डाल देते हैं. जिसमें ओटीपी की जरूरत नहीं होती है.
साइबर फ्रॉड से गाड़ी कमाई की लूट
उसके बाद फेक मैसेज के जरिए उस व्यक्ति को बकायदा कॉल करते हैं कि आपके पूरे पैसे निकाल लिए गए हैं. उसके बाद साइबर फ्रॉड द्वारा कुछ पैसे वापस करने का प्रलोभन देकर उनके मोबाइल पर एक ओटीपी भेज कर उनसे उस ओटीपी को मंगवा कर पूरे पैसे की निकासी कर ली जाती है. आम लोगों को काफी सचेत रहने की जरूरत है. अन्यथा थोड़ी सी गलती की वजह से उनकी गाड़ी कमाई लूटी जा सकती है.
इस तरह के मामलों में पाया गया है कि खाताधारक का पैसा बैंक के अकाउंट में मौजूद होता है और रकम तब तक ट्रांसफर नहीं होता है. जब तक आप अपना ओटीपी शेयर नहीं करते हैं. अगर खाताधारक द्वारा समय पर संबंधित जानकारी पुलिस और बैंक पदाधिकारी से साझा करते हैं तो रकम वापस प्राप्त की जा सकती है.
साइबर ठगों का नया हथियार 'हनीट्रैप' सतर्क रहिए, सुरक्षित रहिए
- कभी भी अनजान नंबरों या अनजान लोगों को ऑडियो वीडियो कॉल ना करें.
- ऑनलाइन या फोन पर अजनबियों के साथ अपनी तस्वीर या वीडियो साझा ना करें.
- सोशल मीडिया पर अनजान लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार ना करें.
- नेट बैंकिंग का पासवर्ड मजबूत रखें, उसे नियमित अंतराल पर बदलते रहें.
- साइबर कैफे या किसी अन्य व्यक्ति के कंप्यूटर पर नेट बैंकिंग से बचें.
- ईमेल या मैसेज में आए लिंक पर क्लिक कर बैंक की वेबसाइट ना खोलें.
- हमेशा ब्राउज़र के एड्रेस बार में जाकर बैंकिंग डोमेन नेम को टाइप करें.
- कंप्यूटर में हमेशा ओरिजिनल एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का उपयोग करें.
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