पटना:स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर हर साल अच्छे कार्य और वीरता पूर्वक कार्य करने के लिए लोगों को पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है. इसी कड़ी में इस बार अन्वेषण में उत्कृष्टता के लिए बिहार के चार पदाधिकारी केंद्रीय गृह मंत्री पदक 2023 से सम्मानित होंगे. जिसमें आईपीएस जयंतकांत जो अभी चंपारण क्षेत्र के उपमहानिरीक्षक है, एसपी संतोष कुमार जो कि अभी विशेष कार्यबल में आरक्षी अधीक्षक के पद पर तैनात है, कार्तिकेय शर्मा जो शेखपुरा के पुलिस अधीक्षक है और एसडीपीओ राकेश कुमार जो वर्तमान में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी खड़गपुर मुंगेर में पदस्थापित है.
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बैंक अकाउंट से फ्रॉड का था मामला: मुजफ्फरपुर जिला में सिम स्वैपिंग के माध्यम से कई लोगों के अकाउंट से पैसे निकाल लिए जाते थे. इसके लिए वो फर्जी आधार कार्ड द्वारा स्वैप सिम प्राप्त कर लेते थे. इस कार्य में इनकी मदद पंजाब नेशनल बैंक के एक कर्मचारी द्वारा की जा रही थी. जांच के क्रम में पीएनबी के मोबाइल बैंकिंग सॉफ्टवेयर में एक तकनीकि खामी पुलिस ने जाहिर की, जिसे पुलिस द्वारा पंजाब नेशनल बैंक को पत्र लिखकर दूर करने की सलाह दी गई थी.
12 कांडों का किया उद्भेदन: बाद में पटना उच्च न्यायालय ने पंजाब नेशनल बैंक को तत्कालीन वरीय पुलिस अधीक्षक मुजफ्फरपुर जयंतकांत के साथ विमर्श करते हुए इस तकनीकी खामी को दूर करने का आदेश दिया था. इस कांड में उच्च न्यायालय ने भारतीय रिजर्व बैंक को यह निर्देश दिया था कि इस तरह के कांडों में लोगों के पैसों की धोखाधड़ी रोकने के लिए विशेष दिशा-निर्देश तैयार किया जाए. कांड के अनुसंधान के क्रम में 3 करोड़ रुपए जप्त किए गए और 5 अलग-अलग जिलों में दर्ज किए गए 12 कांडों का उद्भेदन किया गया.
35 खाताधारकों को किया था सावधान: हवाला के माध्यम से अवैध रूप से दूसरे राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल आदि से वापस कुरियर और बस के माध्यम से नगद पैसे बिहार वापस भेजने के साजिश का भी उद्भेदन किया गया. जांच के क्रम में 35 पंजाब नेशनल बैंक के खाताधारकों को भी सावधान करते हुए उनके खातों में जमा करीब 5 करोड़ रुपए की राशि को इन अपराधियों के हाथ लगने से रोका गया. इन सारे खातों के सभी विवरण एवं फर्जी आधार कार्ड अपराधियों के पास से जप्त किए गए थे. यह काफी सराहनीय कार्य था जिसको लेकर जयंतकांत को यह वीरता पुरस्कार दिया जाएगा.
आईपीएस संतोष कुमार को वीरता पुरस्कार: वही संतोष कुमार, आईपीएस, तत्कालीन पुलिस अधीक्षक, शिवहर एवं राकेश कुमार, तत्कालीन अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी, शिवहर के नेतृत्व में उत्कृष्ट एवं वैज्ञानिक अनुसन्धान के आधार पर शिवहर के तरियानी छपरा थाना अंर्तगत एक नाबालिग बच्ची को बहला फुसला कर दुष्कर्म कर हत्या करने एवं साक्ष्य छुपाने के सम्बन्ध में पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज कांड का सफल उद्भेदन किया गया था. कांड पंजीकृत होने के बाद 60 दिन से कम समय में इस कांड में अनुसंधान उपरांत अप्राथमिकी अभियुक्त के विरूद्ध आरोप पत्र समर्पित किया गया. घटना के मात्र 19 महीने के अन्दर अभियुक्त को सजा करवाई गई. जिसको लेकर आईपीएस संतोष कुमार को वीरता पुरस्कार दिया जाएगा.
पुलिस अधीक्षक शेखपुरा को भी किया जाएगा सम्मानित: वहीं बरबीघा थाना अंर्तगत रात्रि को अज्ञात अपराधकर्मियों के द्वारा घर में घुसकर डकैती की घटना को अंजाम दिया गया था. इस घटना के दौरान अपराधियों के द्वारा लूट पाट करते समय गृह स्वामी के 17 वर्षीय पुत्र हर्ष कुमार की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गयी थी. इस सम्बन्ध में अज्ञात के विरूद्ध मामला दर्ज करते हुये अनुसंधान की कार्रवाई प्रारम्भ की गयी. पुलिस अधीक्षक शेखपुरा कार्तिकेय के शर्मा के नेतृत्व में 15 दिनों के अन्दर इस कांड का उद्भेदन के साथ घटना में लूटे गये मोबाइल को भी बरामद किया गया.