पटना:बिहार में पहली बार होमगार्ड के जवानोंको अर्धसैनिक बल (paramilitary force ) और मिलिट्री के तर्ज पर कमांडो ट्रेनिंग (Commando Training To Bihar Home Guard) दिलाई जा रही है. कमांडो ट्रेनिंग के माध्यम से होमगार्ड के जवानों को चुस्त-दुरुस्त बनाया जा रहा है. दरअसल होमगार्ड के बारे में अब लोगों की सोच बदलने की पूरी तैयारी हो चुकी है. सुस्त लचर वर्दीधारी के रूप में होमगार्ड जवानों की कल्पना करने से पहले उनकी यह ट्रेनिंग जरूर देख लें.
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बीस सूबेदार दे रहे ट्रेनिंग:पुलिस ट्रेनिंग की जो तस्वीर बिहार गृह रक्षा वाहिनी से सामने आई है उसने सभी को अचंभित कर दिया है लेकिन खुशी भी हो रही है. गृह रक्षा वाहिनी जिसकी पहचान सुस्त लचर वर्दीधारी के रूप में वर्षो तक बनी रही, मगर अब इसकी सूरत और सीरत दोनों बदल रही है. अब इन होमगार्ड के जवानों को आर्मी से रिटायर्ड सूबेदार ट्रेंड कर रहे हैं. वो भी एक दो या दस नहीं बल्कि बीस सूबेदार इनको ट्रेंड कर रहे हैं.
होमगार्ड जवानों को कमांडो ट्रेनिंग: सेना से सेवानिवृत हुए बीस सूबेदार, इंस्ट्रेक्टर के रूप में गृह रक्षा वाहिनी के नवनियुक्त महिला और पुरूष दोनों होमगार्ड के जवानों को आर्मी के तर्ज पर प्रशिक्षित कर रहे हैं. होमगार्ड के पुरुष जवान के साथ-साथ महिला पुलिसकर्मियों को भी कमांडो ट्रेनिंग दिलवाई जा रही है ताकि वह भी बिहार पुलिस या अर्धसैनिक बल या आर्मी के तरह तैयार हो सके. आपको बता दें कि होमगार्ड के जवानों को पिस्टल जैसे छोटे हथियार के साथ साथ पुराने समय में चलता आ रहा राइफल और मौजूदा वक्त में एसएलआर इंसास जैसे हत्यारों को पकड़ने और चलाने का गुण भी सिखाया जा रहा है.
पुराने जवानों की भी होगी ट्रेनिंग:आने वाले समय में ट्रेंड हो रहे होमगार्ड के जवान भी बिहार पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते दिखेंगे. दरअसल यह ट्रेनिंग 120 दिनों की है. 4 महीने के कड़ी परिश्रम से जवान खुद को परिष्कृत करेंगे. इसके बाद पुराने होमगार्ड के जवानों को भी एक महीने का इसी तरह का ट्रेनिंग दिलवाया जाएगा.
होमगार्ड जवानों की बदलेगी छवि:आधुनिक ट्रेनिंग ट्रेनिंग दे रहे सेना के पूर्व सूबेदार एके सिंह का कहना है कि ये सब ट्रेनिंग अर्धसैनिक बल और आर्मी को दिलवाई जाती है. इसके अलावा जवानों को विभिन्न तरह के हथियारों को चलाने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है ताकि वह समय पर किस तरह से दुश्मनों से मुकाबला कर सकें. यह सब गुण उन्हें सिखाया जा रहा है. घर से आए जवानों को हम लोग आधुनिक ट्रेनिंग दे रहे हैं. यहां चार तरह का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.