पटना:बिहार में शराबबंदी कानून (Liquor Prohibition Law in Bihar) लेकर सियासत जारी है. जेडीयू को छोड़कर एनडीए के सभी घटक दलों ने शराबबंदी की समीक्षा की मांग (Demand for Review of Prohibition) की है. पहले से ही जहां बीजेपी इसको लेकर काफी मुखर है. वहीं इन दिनों हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (Hindustani Awam Morcha) ने भी इसको लेकर जोर-शोर से आवाज बुलंद करना शुरू कर दिया है. हम प्रवक्ता विजय यादव (HAM Spokesperson Vijay Yadav) ने कहा कि हमारे सुप्रीमो जीतनराम मांझी शुरू से ही यह कहते आए हैं कि बिहार में जो शराबबंदी कानून है, उससे कहीं ना कहीं गरीब आदमी ही ज्यादा से ज्यादा जेल जा रहे हैं.
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हम प्रवक्ता विजय यादव ने जीतनराम मांझी के बयान को याद दिलाते हुए कहा कि अमीर आदमी सुरक्षित शराब पी रहे हैं, जबकि गरीब आदमी अगर शराब का सेवन करते हैं तो पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर लेती है. सबसे ज्यादा गरीब आदमी ही जेल में है, इसीलिए इस कानून का समीक्षा होनी जरूरी है. उन्होंने कहा कि बिहार में गुजरात मॉडल शराबबंदी अगर हो तो बहुत अच्छी बात है. साथ ही उन्होंने कहा कि जिस तरह से शराबबंदी कानून में संशोधन के प्रस्ताव को लेकर सरकार जो बात कह रही है, उसके लिए मुझे लगता है कि सबसे पहले इसमें जनता की राय लेनी चाहिए कि आम जनता किस तरह का शराबबंदी कानून चाहती है.