पटना : बिहार की राजधानी पटना स्थित गांधी मैदान में 12 दिवसीय पुस्तक मेलाका आयोजन किया गया था. इसका समापन मंगलवार को हो गया. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव के साथ सभी राजनेताओं से ज्यादा नरेंद्र मोदी की किताबों का जादू सिर चढ़कर बोला. पुस्तक मेला में जहां लोगों ने अपने करियर को लेकर किताबों की खरीदारी की. वहीं राजनीति में रुचि रखने वाले लोगों ने राजनीतिक शख्सियत पर आधारित किताबों की खरीदारी की.
"इस पुस्तक मेले में मोदी का जादू देखने को मिला. नरेंद्र मोदी पर लिखी गई किताब खूब बिकी. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लिखी किताब भी बिकी, लेकिन मोदी से कम.प्रधानमंत्री पर लगभग 700 अलग-अलग किताब बिकी, तो वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अलग-अलग किताबें 300 बिकी."-अमित शर्मा, स्टाल प्रबंधक, प्रभात प्रकाशन
पुस्तक मेला में छाए रहे पीएम मोदी : अमित शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री पर लिखित मोदी विजयगाथा और सामाजिक समरसता, राष्ट्र साधक नरेंद्र मोदी, आधुनिक भारत के शिल्पकार पुस्तक की डिमांड ज्यादा थी. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी की किताब सभी वर्गों के द्वारा खरीदी गई. छात्र के साथ-साथ बुजुर्ग लोगों ने भी पुस्तकों की काफी खरीदारी की. लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार की जोड़ी पर आधारित किताब बंधु बिहार कहानी लालू प्रसाद यादव व नीतीश कुमार की, नीतीश कुमार और विकसित बिहार की खोज की भी डिमांड खूब रही.
'पुस्तक की बिक्री से किसी के व्यक्तित्व को नहीं आंका जा सकता': बिहार के वरिष्ठ राजनीतिक जानकार डॉ फिरोज मंसूरी ने बताया कि सिर्फ पुस्तक से किसी के राजनीतिक व्यक्तित्व की तुलना नहीं की जा सकती. किसी की पुस्तक अधिक बिक रही है और किसी की कम तो इससे किसी के व्यक्तित्व का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता. यदि प्रधानमंत्री की किताब अधिक बिकी है तो लोग उनको जानने में अभी भी रुचि रख रहे हैं. पुस्तक मेला में नीतीश कुमार की भी किताबें काफी बिकी हैं.