पटना: हाईस्कूल और प्लस टू में छठे चरण के शिक्षक नियोजन (Teacher Recruitment) के तहत नियोजन की प्रक्रिया 8 फरवरी से 11 फरवरी तक कई जिलों में हुई, लेकिन पटना, भोजपुर और बक्सर समेत अनेक जिला परिषद और नगर निकायों में प्रक्रिया विभिन्न वजहों से पूरी नहीं हो पाई. ऐसे में बाकी नियोजन इकाइयों में या तो फिर से शिक्षा विभाग (Bihar Education Department) मौका देगा, या इनकी रिक्ति सातवें चरण में शामिल हो सकती है.
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छठे चरण के हाईस्कूल और प्लस टू शिक्षक नियोजन के तहत 32714 पदों के लिए 8 फरवरी से 11 फरवरी तक मेधा सूची में शामिल अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों के सत्यापन का काम शुक्रवार को समाप्त हो गया, लेकिन पटना जिला परिषद, औरंगाबाद जिला परिषद, भोजपुर, बक्सर और सारण जिला परिषद में नियोजन की प्रक्रिया नहीं हो पाई है. वहीं बख्तियारपुर और मुरलीगंज नगर पंचायत और कई नगर परिषद में भी विभिन्न वजहों से नियोजन का कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा.
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक आज शाम तक बिहार के विभिन्न जिलों से पूरी रिपोर्ट सरकार को मिल जाएगी कि कितने अभ्यर्थी अंतिम रूप से चुने गए हैं और किन जगहों पर किन वजहों से नियोजन प्रक्रिया नहीं हो पाई है.
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शिक्षा विभाग के सामने अब एक महत्वपूर्ण चुनौती यह है कि जिन जगहों पर माध्यमिक और प्लस 2 शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया किसी वजह से पूरी नहीं हुई उन जगहों पर छठे चरण में फिर से मौका दिया जाएगा या इन्हें सातवें चरण की बहाली में शामिल किया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक छठे चरण में सभी नियोजन इकाइयों में कम से कम एक बार नियोजन की प्रक्रिया पूरी होनी आवश्यक है. ऐसे में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि शिक्षा विभाग इन नियोजन इकाइयों के बारे में क्या फैसला करता है, क्योंकि प्राथमिक शिक्षक नियोजन में जिन नियोजन इकाइयों में एक बार भी नियोजन की प्रक्रिया नहीं हुई उन जगहों पर 14 से 16 मार्च के बीच काउंसलिंग कराई जा रही है.