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अस्पतालों में बगैर फार्मासिस्ट हो रहा है दवा वितरण, हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान

जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि आखिर दवा का रख-रखाव और रोगियों को दवा देने का कार्य चतुर्थ वर्गीय और तृतीय वर्गीय कर्मचारी कैसे कर सकते हैं. यह एक गंभीर मामला है.

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Published : May 4, 2019, 7:42 PM IST

हाईकोर्ट

पटना: राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सरकार की ओर से जो दावे किए जा रहे हैं, वह फेल होता नजर आ रहा है. राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में बगैर फार्मासिस्ट के दवा का वितरण हो रहा है. जिसपर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है. सामाजिक कार्यकर्ता गुड्डू बाबा ने कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी, जिसपर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए स्वास्थ्य विभाग को फटकार लगाई है.


राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में फार्मासिस्ट के पद रिक्त रहने के कारण अस्पतालों में अनुभवहीन कर्मचारी दवा वितरण कर रहे हैं. इन्हें यह पता नहीं होता है कि कौन सी दवा किस प्रकार से रखी जाए, दवा कब एक्सपायर होगी. ऐसे में ये काफी गंभीर मामला है और ये स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने जैसा है. अस्पतालों में रोगियों को तृतीय और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी दवा का वितरण करते हैं. इनकी अज्ञानता के चलते अस्पतालों में करोड़ों रुपए की दवाएं बर्बाद हो जाती हैं.

याचिकाकर्ता और पीएमसीएच के उपाधीक्षक का बयान

इन जगहों पर हैं फार्मासिस्ट के पद रिक्त
राजधानी पटना कि बात करें तो पीएमसीएच,आईजीआईएमएस, राजेंद्र नगर अस्पताल और गया मेडिकल कॉलेज अस्पताल, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया समेत विभिन्न बड़े जिलों के अस्पतालों में फार्मासिस्ट के पद रिक्त हैं.

जल्द ही भरें जाएं फार्मासिस्ट के रिक्त पद

बहरहाल, इस पूरे मामले को लेकर गुड्डू बाबा नाम के सामाजिक कार्यकर्ता ने जनहित याचिका हाईकोर्ट में दायर की थी. इसपर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है और स्वास्थ्य विभाग को जमकर फटकार लगाते हुए जल्द ही फार्मासिस्ट के खाली पदों को भरने के लिए कहा है. वहीं इसकी अगली सुनवाई 24 जून को होनी है. याचिका पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने कहा कि आखिर दवा का रख-रखाव और रोगियों को दवा देने का कार्य चतुर्थ वर्गीय और तृतीय वर्गीय कर्मचारी कैसे कर सकते हैं. यह एक गंभीर मामला है.

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