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Weather Update: बिहार में सक्रिय है मानसून का सिस्टम, 14 जिलों में आज भारी बारिश का पूर्वानुमान - बिहार में मानसून

बिहार में मानसून का सिस्टम एक बार फिर से सक्रिय हो गया है. आज प्रदेश के 14 जिलों में बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है. वहीं कई जिलों में वज्रपात को लेकर भी अलर्ट किया गया है. पढ़ें पूरी खबर..

बिहार में बारिश का पूर्वानुमान
बिहार में बारिश का पूर्वानुमान

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 5, 2023, 10:53 AM IST

पटना:बिहार में दक्षिण पश्चिम मानसून एक बार फिर से सक्रिय हो गया है. अगले चार दिनों तक मानसून के इसी प्रकार सक्रिय रहने के आसार बने हुए हैं. मानसून की सक्रियता बढ़ने से प्रदेश के औसत अधिकतम तापमान में तीन से चार डिग्री सेल्सियस की कमी देखने को मिली है और लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिली है.

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14 जिलों में भारी बारिश का पूर्वानुमान: बीते 24 घंटे में प्रदेश में वाल्मीकि नगर में सर्वाधिक अधिकतम तापमान 35.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. जबकि, राजधानी पटना का अधिकतम तापमान 31.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. मौसम विभाग ने एक बार फिर आज मंगलवार को प्रदेश के 14 जिलों में भारी बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है. मौसम विभाग की माने तो मानसून की सक्रियता इन दिनों प्रदेश में दक्षिण पश्चिम बिहार और दक्षिण मध्य बिहार में अधिक देखने को मिल रही है.

कई जिलों में वज्रपात की भी संभावना: मौसम विभाग ने मंगलवार को बक्सर, भोजपुर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद, अरवल, पटना, गया, नालंदा, शेखपुरा, नवादा, बेगूसराय, लखीसराय और जहानाबाद जैसे 14 जिलों में अनेक स्थानों पर बारिश को लेकर पूर्वानुमान जारी किया है. इन जिलों में बारिश के साथ-साथ मेघगर्जन और वज्रपात का भी पूर्वानुमान है. ऐसे में मौसम विभाग ने इन जिलों में लोगों को खराब मौसम में सावधान रहने की अपील की है और खुले मैदान से दूर जाकर पक्के मकान में शरण लेने की सलाह दी है.

बारिश की गतिविधि में बढ़ोतरी: मौसम विभाग के अनुसार मानसून द्रोणी रेखा की पूर्वी सीमा गोरखपुर, पटना, हजारीबाग, दीघा से होकर दक्षिण पूर्व की ओर पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी तक प्रभावी है. एक अन्य चक्रवातीय परिसंचरण उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी एवं आसपास के क्षेत्र में समुद्र तल से औसत 7.6 किलोमीटर ऊपर तक बना है. इसके साथ ही एक द्रोणी रेखा समुद्र तल से औसत 0.9 किलोमीटर ऊपर इस चक्रवातीय परिसंचरण गंगीय पश्चिम बंगाल, झारखंड से होकर पूर्वी बिहार से गुजर रही है. इन मौसमी घटकों के संयुक्त प्रभाव से प्रदेश की दक्षिणी हिस्से में बारिश की गतिविधि में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी.

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