पटना: तमिलनाडु के मदुरई जेल में बंद मनीष कश्यप ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की है, जिसमें उसने अपने खिलाफ चल रहे सभी मामलों को एक साथ मर्ज करने और एक ही जगह सुनवाई करने की अपील की है. इससे पहले मनीष के एडवोकेट ने कोर्ट से मांग की थी कि पुलिस को निर्देश दिया जाए कि अपना हाथ दूर रखे. हालांकि सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि इस स्थिति में हम बलपूर्वक कार्रवाई से नहीं रोक सकते.
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मनीष कश्यप की बेल पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई: दरअसल, 5 अप्रैल को मनीष कश्यप के वकील एपी सिंह ने याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट से जमानत की गुहार लगाई थी. उन्होंने कोर्ट से रेग्यूलर बेल देने की मांग की थी. साथ ही सभी एफआईआर को एक साथ क्लब करने की भी अपील की थी. मनीष के खिलाफ बिहार में आर्थिक अपराध इकाई ने 4 मुकदमे दर्ज किए हैं. वहीं तमिलनाडु में 13 प्राथमिकी दर्ज हैं, जिनमें 6 केस में वह नामजद है.
मनीष कश्यप पर लगा एनएसए:उधर तमिलनाडु की मदुरई पुलिस ने उसके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम यानी एनएसए भी लगा दिया है. जिस वजह से मनीष का आने वाले समय में जेल से निकल पाना संभव नहीं दिख रहा है. ऐसे में आज सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई बेहद अहम मानी जा रही है.
मनीष पर क्या है आरोप:मनीष कश्यप पर आरोप है कि उसने तमिलनाडु हिंसा से जुड़े फर्जी वीडियो को अपने यूट्यूब चैनल और सोशल मीडिया पर शेयर किया है. साथ ही वह फर्जी वीडियो बनाने और इसकी साजिश रचने में भी शामिल है. मनीष ने पिछले महीने 18 मार्च को पश्चिम चंपारण जिले के जगदीशपुर ओपी में सरेंडर किया था. कई दिनों तक आर्थिक अपराध इकाई की पूछताछ के बाद 29 मार्च को तमिलनाडु पुलिस उसे अपने साथ ले गई. अभी 19 अप्रैल तक के लिए वह न्यायिक हिरासत में रहेगा.