पटना: बिहार में संविदा पर कार्य कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों (Health Workers) की मांगों के संबंध में पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने राज्य सरकार को चार सप्ताह के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया है. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने शिवानी कौशिक व अन्य की जनहित याचिकाओं (Public interest litigation) पर सुनवाई की.
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पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को इन स्वास्थ्यकर्मियों की मांगों के बारे में गठित कमिटी की रिपोर्ट पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. राज्य के संविदा पर कार्य कर रहे स्वास्थ्यकर्मी अपने वेतन, ईपीएफ, हाउस रेंट आदि के लिए लंबित मांगों के समर्थन में हड़ताल पर चले गए थे.
जब मामला कोर्ट के समक्ष आया, तो कोर्ट ने इन्हें Covid-19 के मद्देनजर अपनी हड़ताल समाप्त करने का निर्देश दिया. साथ ही राज्य सरकार को भी निर्देश दिया था कि इनकी मांगों पर विचार कर निर्णय लें.
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राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि इन स्वास्थ्यकर्मियों की मांगों पर विचार करने के लिए सम्बंधित अधिकारियों की कमिटी गठित कर दी गयी है. कोर्ट को बताया गया कि अधिकारियों ने सभी मुद्दों पर विचार कर अपनी संस्तुति सरकार को दे दी है. कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को कहा कि सम्बंधित अधिकारियों की बैठक बुलाकर संविदाकर्मियों की मांगों पर निर्णय लें.
साथ ही पिछली सुनवाई करते कोर्ट ने ईएसआईसी, मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ, कर्मचारियों, वॉर्ड बॉय व अन्य रिक्तियों को भरे जाने के लिए राज्य सरकार और अस्पताल प्रशासन से जवाब तलब किया था. इस मामले पर पांच सप्ताह बाद फिर से सुनवाई की जाएगी.