पटना: हाईकोर्ट ने राज्य के 40 हजार से ज्यादा ट्रांसजेंडरो को सरकारी नौकरी में आरक्षण देने के मामले में राज्य सरकार को 4 सप्ताह में विचार कर निर्णय लेने का निर्देश दिया है. वहीं दूसरी ओर हाई कोर्ट ने राज्य में लाइब्रेरियन की बहाली मामले में राज्य सरकार से 6 हफ्ते में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है.
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ट्रांसजेंडरों को पुलिस विभाग में आरक्षण का लाभ
चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने वीरा यादव की जनहित याचिका पर सुनवाई की है. याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया है कि ट्रांसजेंडरों को पुलिस विभाग में आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है. लेकिन अन्य विभागों में इन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है. इस मामले पर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद की जाएगी.
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लाइब्रेरियन के पद खाली
जस्टिस डॉ अनिल कुमार उपाध्याय ने ऑल बिहार ट्रेंड लाइब्रेरियन एसोसिएशन के माध्यम से दायर याचिका पर सुनवाई की है. इस याचिका में कहा गया है कि राज्य के विभिन्न स्कूलों, संस्थाओं और विभागों में लाइब्रेरियन के पद खाड़ी पड़े है. लेकिन अबतक सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की है. नियुक्ति के लिए आग्रह किया गया है. कोर्ट को बताया गया है कि 2008 से वर्ष 2020 तक हजारों रिक्तियां होने के बावजूद आज तक कोई वैकेंसी नहीं निकाली गई. इस मामले पर अगली सुनवाई आगामी 26 अप्रैल को की जाएगी.