पटना: पटना के गायघाट स्थित उत्तर रक्षा गृह मामले में शुक्रवार को पटना हाईकोर्ट में सुनवाई (Hearing On Gaighat Shelter Home case) हुई. जहां हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच डीएसपी स्तर की महिला पुलिस अधिकारी से कराने का निर्देश दिया. कोर्ट ने ये भी कहा कि अगली सुनवाई में इसकी रिपोर्ट कोर्ट के सामने पेश की जाए. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की.
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सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर पीड़िता को जरूरत हो तो बिहार स्टेट लीगल सर्विसेज ऑथोरिटी जो मदद संभव हो सके, पीड़िता को उपलब्ध करवाए. कोर्ट ने राज्य के समाज कल्याण विभाग समेत सभी संबंधित विभागों को अपने अपने हलफनामा को रिकॉर्ड पर लाने को भी कहा है, जिसमें पीड़िता द्वारा 4 फरवरी, 2022 का बयान भी शामिल हो.
राज्य सरकार के महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि दोनों पीड़ितों की ओर से महिला थाना में प्राथमिकी दर्ज हो गई है. पीड़ित की संबंधित अधिकारियों के समक्ष जांच भी की गई. महाधिवक्ता ने पीड़िता द्वारा दिये गए बयान के उद्देश्य पर संदेह भी जताया है. उनका कहना था कि पीड़ित ने केअर होम को वर्ष 2021 के अगस्त महीने में ही छोड़ दिया था. लेकिन वह पहली बार जनवरी, 2022 में आरोप लगा रही हैं.
वहीं, पीड़िता की अधिवक्ता मीनू कुमारी ने कोर्ट को बताया कि कोर्ट ने महिला विकास मंच द्वारा दायर हस्तक्षेप याचिका को भी सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है. हाईकोर्ट इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई कर रहा है. हाईकोर्ट ने इस याचिका को पटना हाईकोर्ट जुवेनाइल जस्टिस मोनिटरिंग कमेटी की अनुशंसा पर रजिस्टर्ड किया है.