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पूर्व कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह मामले पर पटना हाई कोर्ट में सुनवाई टली - Hearing on former law minister Kartikeya Singh

पूर्व कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह (Former law Minister Kartikeya Singh) मामले में सुनवाई टल गयी है. याचिकाकर्ता ने अपनी अग्रिम जमानत की याचिका में कोर्ट को बताया है कि उनके विरुद्ध जो अन्य आपराधिक मामले हैं, उनमें वे जमानत पर है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Oct 19, 2022, 8:56 PM IST

पटना :बिहार के पूर्व कानून मंत्री व विधान पार्षद कार्तिकेय कुमार ऊर्फ कार्तिक सिंह की अग्रिम जमानत की याचिका पटना हाइकोर्ट में सुनवाई टल (Kartikeya Singh Patna High Court) गई. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को केस डायरी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था. इस अग्रिम जमानत की याचिका पर जस्टिस सुनील कुमार पंवार ने सुनवाई की. ये मामला बिहटा के राजीव रंजन सिंह ऊर्फ राजू सिंह के अपहरण से सम्बंधित मामला है. 14नवम्बर,2014 को बिहटा पुलिस स्टेशन में थाना कांड संख्या 859/2014 रजिस्टर किया गया था.

ये भी पढ़ें - कार्तिकेय सिंह की अग्रिम जमानत पर सुनवाई दिवाली के बाद, हाईकोर्ट ने मांगी केस डायरी

पूर्व कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह पर क्या है आरोप : अभी ये मामला दानापुर के जुड़ीशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास, अजय कुमार के समक्ष सुनवाई हेतु लंबित हैं. इस मामले में सूचक सचिन कुमार ने बिहटा थाना में 14 नवंबर, 2014 को सूचना दी कि उन्हें टेलिफोन पर ये पता चला है कि उनके चाचा राजीव रंजन सिंह ऊर्फ राजू सिंह का अपहरण हो गया है. अपहर्ता 18 की संख्या में थे, जो पांच गाड़ियों से आये थे. उन्होंने राजू को बलपूर्वक ले गए. ये आरोप लगाया गया कि मोकामा के विधायक अनंत सिंह, बंटू सिंह व अन्य 16 व्यक्तियों ने इसे अंजाम दिया. इससे पहले भी दस करोड़ रुपए की फिरौती मांगे जाने का आरोप लगाया गया था, जिसकी सूचना कृष्णापुरी थाने को दी गई थी.

याचिकाकर्ता ने अपनी अग्रिम जमानत की याचिका में कोर्ट को बताया है कि उनके विरुद्ध जो अन्य आपराधिक मामलें है, उनमें वे जमानत पर है. पटना हाईकोर्ट में 2017 में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी, लेकिन उसे 16 फरवरी,2017 को कोर्ट ने नामंजूर कर दिया. उसके बाद उन्होंने अग्रिम जमानत की कोई याचिका पटना हाइकोर्ट में नहीं दायर की. उन्होंने अपनी अग्रिम जमानत की याचिका में ये बताया है कि प्राथमिकी में उनका नाम नहीं था. साथ ही पीड़ित और सूचक ने उनका नाम इस घटना के सम्बन्ध में नहीं लिया था. उन्होंने बताया कि घटना के दिन 14 नवंबर,2014 को वे सरकारी स्कूल में अपनी ड्यूटी में थे. उनके हस्ताक्षर भी उपस्थिति रजिस्टर में अंकित है. इस अग्रिम जमानत की याचिका पर दिवाली अवकाश के सुनवाई की जाएगी.

मंत्री पद की शपथ लेने के बाद से ही विवादों में आ गए थे : कार्तिकेय सिंह ने 16 अगस्त को नीतीश कुमार के पहले मंत्रिमंडल विस्तार में मंत्रिपद की शपथ ली थी. इसके बाद उन्हें नीतीश कुमार ने कानून मंत्री बनाया था. लेकिन वे अपहरण के एक पुराने मामले को लेकर मंत्रिपद की शपथ लेने के बाद से विवादों में थे. इसके बाद नीतीश कुमार ने कार्तिकेय सिंह से कानून मंत्रालय वापस ले लिया था. उन्हें गन्ना उद्योग मंत्रालय दिया गया था. हालांकि, इसके कुछ घंटों बाद ही कार्तिकेय सिंह ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया. बता दें कि बिहटा थाना इलाके में बिल्डर राजीव रंजन की 2014 में किडनैपिंग हुई थी. राजीव रंजन की किडनैपिंग मामले में एक आरोपी कार्तिकेय सिंह भी हैं. बिहटा थाना में उनके खिलाफ मामला दर्ज है. धारा 164 के तहत बयान में नाम आया है.

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