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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ ब्रजेश ठाकुर की याचिका पर सुनवाई आज - मुजफ्फरपुर शेल्टर होम

दिल्ली हाई कोर्ट आज मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में ट्रायल कोर्ट से मिली सजा के खिलाफ ब्रजेश ठाकुर की याचिका पर सुनवाई करेगा.

Muzaffarpur shelter home case
Muzaffarpur shelter home case

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Published : Feb 18, 2021, 10:55 AM IST

नई दिल्ली/पटना: दिल्ली हाईकोर्ट आज मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में ट्रायल कोर्ट से मिली सजा के खिलाफ ब्रजेश ठाकुर की याचिका पर सुनवाई करेगा. जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली बेंच सुनवाई करेगी.

ट्रायल कोर्ट का फैसला सही
22 जुलाई 2020 को कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर की याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी किया था। इस मामले के एक और आरोपी विकास कुमार ने भी हाईकोर्ट में अपील दायर किया है. विकास कुमार बाल कल्याण समिति का सदस्य था. विकास कुमार और ब्रजेश ठाकुर बिहार विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं. 25 अगस्त 2020 को सीबीआई ने कहा था कि मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर ने नाबालिग लड़कियों का शारीरिक, मानसिक और यौन शोषण किया. सीबीआई ने कहा था कि ब्रजेश ठाकुर ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह को मिले सरकार अनुदान का दुरुपयोग किया. सीबीआई ने कहा था कि ट्रायल कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर को दोषी ठहराते हुए कोई गलती नहीं की है.

ब्रजेश ठाकुर को मौत तक उम्रकैद की सजा मिली है
ब्रजेश ठाकुर ने उम्रकैद की सजा के आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है. ब्रजेश ठाकुर को दिल्ली की साकेत कोर्ट ने 11 फरवरी 2020 को मौत तक कैद की सजा का आदेश सुनाया था. साकेत कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर पर 32 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था. साकेत कोर्ट ने तीन महिलाओं समेत 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने चार महिलाओं समेत छह दोषियों को सात साल की कैद की सजा सुनाई थी. एक महिला को छह महीने की कैद की सजा सुनाई गई थी. हालांकि उसने छह महीने से ज्यादा दिनों तक जेल में काट लिए थे, इसलिए कोर्ट ने उसे रिहा करने का आदेश दिया.

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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बिहार से दिल्ली ट्रांसफर हुआ था केस
पहले इस मामले की सुनवाई बिहार की कोर्ट में चल रही थी. 7 फरवरी 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने इस केस की सुनवाई बिहार से दिल्ली की साकेत कोर्ट में ट्रांसफर किया था. सुप्रीम कोर्ट ने निर्दश दिया था कि इस मामले की सुनवाई 6 महीने में पूरी की जाए. उसके बाद साकेत कोर्ट ने 25 फरवरी 2019 से सुनवाई शुरू की थी.

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