पटना:बिहार में निकाय चुनाव (Bihar Municipal Election 2022) को लेकर जिस तरह से कानूनी दांव-पेंच फंसा है, ऐसे में यह कह पाना मुश्किल है कि आगे क्या होगा. हालांकि अब साफ हो गया कि बिहार में निकाय चुनाव तय समय पर ही होंगे. सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई की अर्जी को सुनने से इनकार कर दिया है. दरअसल बुधवार को इस मामले पर तत्काल सुनवाई के लिए एक याचिका दायर की गयी थी. कोर्ट से गुहार लगायी गयी थी कि वह तत्काल इस मामले पर सुनवाई करे और बिहार में कराये जा रहे निकाय चुनाव पर रोक लगाये.
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SC में पहले से चल रहा मामला :बिहार में निकाय चुनाव में पिछड़ों को आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पहले से मामला चल रहा (Supreme Court on Bihar Municipal Election) है. इससे पहले दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए 20 जनवरी 2023 की तारीख तय की है.
तत्काल हस्तक्षेप करने की मांगः सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को याचिकाकर्ता सुनील कुमार की ओर से गुहार लगायी गयी कि मामले की अर्जेंसी को देखते हुए आवेदनों को तत्काल सुनवाई के लिए लिया जाये. यह न सिर्फ याचिकाकर्ता के हित में होगा, बल्कि राज्य और आम जनता के हित में भी होगा. बिहार में नगर निकाय चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, इसलिए यह न्याय के हित में होगा कि सुप्रीम कोर्ट तत्काल इस मामले को सुने. कोर्ट ने 20 जनवरी की अगली तारीख दे रखा (Supreme Court On Municipal Election in Bihar ) है. उस समय तक पूरी चुनाव प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी. ऐसे में कोर्ट को तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिये.
आदेश के उल्लंघन का आरोपःयाचिका दायर करने वाले ने सुप्रीम कोर्ट के रिकार्ड में बिहार राज्य निर्वाचन आयोग की अधिसूचना और उस पर रोक लगाने का आवेदन दे दिया है. सुप्रीम कोर्ट में 7 दिसंबर को दायर आवेदन में कहा गया है कि बिहार राज्य निर्वाचन आयोग की 30 नवंबर की चुनावी अधिसूचना इन आशंकाओं की पुष्टि करता है कि ओबीसी श्रेणी के साथ-साथ ईबीसी श्रेणी को कवर करने वाले ट्रिपल टेस्ट का कोई अनुपालन नहीं है. ये सुप्रीम कोर्ट द्वारा 28 नवंबर और 1 दिसंबर को दिये गये आदेश का जानबूझकर किया गया उल्लंघन है.