पटना:राज्य की निचली अदालतों में वकीलों के बैठने, कार्य करने की व्यवस्था और अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने के मामले पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस संजय करोल एवं जस्टिस पार्थ सारथी की खंडपीठ ने वरीय अधिवक्ता रमाकांत शर्मा की लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए वकीलों के लिए बनने वाले भवनों के निर्माण से संबंधित अद्यतन रिपोर्ट मांगी है.
पढ़ें-OBC-EBC आयोग बनाएगी नीतीश सरकार, हाईकोर्ट से पुनर्विचार याचिका वापस लिया
वकीलों की सुविधाओं को लेकर कोर्ट में सुनवाई: वरीय अधिवक्ता रमाकांत शर्मा ने कोर्ट को बताया कि भवनों का निर्माण राज्य सरकार के भवन निर्माण विभाग करें, तो काम तेजी से हो सकेगा. ठेकेदारी के काम में विलम्ब होने के अलावे लागत भी ज्यादा आएगी. याचिकाकर्ता का कहना है कि राज्य के अदालतों की स्थिति अच्छी नहीं है.
इन परेशानियों से कोर्ट को कराया गया अवगत: कोर्ट को बताया गया कि अधिवक्ता अदालतों में कार्य करते हैं, लेकिन उनके लिए न तो बैठने की पर्याप्त व्यवस्था है और न कार्य करने की सुविधाएं उपलब्ध हैं. वकीलों के लिये शुद्ध पेय जल, शौचालय और अन्य बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं होती हैं. उन्होंने कोर्ट को बताया कि अदालतों के भवन के लिए जहां भूमि उपलब्ध भी है, वहां भूमि को स्थानांतरित नहीं किया गया है. जहां भूमि उपलब्ध करा दिया गया है, वहां कार्य प्रारम्भ नहीं हो पाया है. इस मामले पर अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद होगी.
दरअसल वकीलों को कई तरह की समस्याओं को झेलना पड़ता है. खासकर महिला अधिवक्ताओं को ज्यादा परेशानी होती है. ऐसे में कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही है. एक हफ्ते बाद कोर्ट में वकीलों के लिए बनने वाले भवन की नई रिपोर्ट पेश की जाएगी.