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पटना हाईकोर्ट ने RBI के खिलाफ जताई सख्त नराजगी, जानें क्या है वजह

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Published : May 17, 2022, 8:30 AM IST

पटना हाईकोर्ट में मनी लॉन्ड्रिंग के मुकदमे (Money Laundering Case) की सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि आरबीआई के लचीले कानून और अधिकारियों की लापरवाही के कारण आज सैकड़ों निवेशक अपने जमा पैसे के लिए दर-दर भटक रह हैं. प्रदेश में मनी लॉन्ड्रिंग के केस बढ़ते जा रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

Patna High Court
Patna High Court

पटनाःराज्य में बढ़ रहे मनी लॉन्ड्रिंग के मुकदमे की सुनवाई के दौरान पटना हाईकोर्ट (Hearing In Patna High Court) ने आरबीआई के विरुद्ध सख्त नाराजगी जताई. हाईकोर्ट ने कहा कि आरबीआई की लापरवाही की वजह से ही मनी लॉन्ड्रिंग के मुकदमे बढ़ रहे हैं. कोर्ट का कहना था कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank Of India) द्वारा कानून में ढिलाई देने का परिणाम है कि इस तरह के मामले बढ़ रहे हैं. हाईकोर्ट प्रशासन ने जनहित याचिका दर्ज करने के लिए चीफ जस्टिस संजय करोल से अनुमति मांगी है.

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फंस जाते हैं पैसे जमा कराने वाले एजेंटः हाईकोर्ट ने कहा कि शातिर लोग आरबीआई के लचीले कानून का फायदा उठा कर गरीब लोगों का पैसा अपने यहां जमा करवाते हैं और कुछ दिनों के बाद पूरा पैसा लेकर फरार हो जाते हैं. दूसरी ओर पैसा जमा कराने वाले एजेंट फंस जाते हैं. लोग उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज करा देते हैं, जबकि एजेंट अपने कमीशन के लोभ में लोगों का पैसा जमा करवाते हैं.

निधि कंपनियों के खिलाफ बढ़ रहे मामलेः सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि बिना लाइसेंस निधि कंपनी पैसों का लेनदेन नहीं कर सकती, इसके बावजूद निधि कंपनी पैसों का लेनदेन बेहिचक कर रही है. कोर्ट ने प्रदेश में बढ़ रहे मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर एक जनहित याचिका दर्ज करने का आदेश हाई कोर्ट प्रशासन को दिया है. हाई कोर्ट प्रशासन ने जनहित याचिका दर्ज करने के लिए चीफ जस्टिस संजय करोल से अनुमति प्रदान करने हेतु भेजा है.

निधि बैंक आरबीआई के नियंत्रण में नहींः बता दें कि इससे पहले 23 मार्च को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से पटना हाईकोर्ट में एक हलफनामा दायर कर कोर्ट को बताया गया था कि राज्य का कोई भी निधि बैंक उसके नियंत्रण में नहीं है. यहां तक कि आरबीआई निधि बैंक के लिए लाइसेंस भी जारी नहीं करती है. वहीं, सरकारी वकील द्वारा कोर्ट को बताया गया था कि राज्य में 438 निधि बैंक कंपनी ऑफ रजिस्टार से रजिस्टर्ड हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में निधि कंपनी धड़ल्ले से पैसों के लेन-देन के कारोबार में संलिप्त हैं. कई निधि कंपनी लोगों का पैसा लेकर भाग चुके हैं, लेकिन इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.

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दरअसल, आरबीआई के लचीले कानून और अधिकारियों की लापरवाही के कारण पिछले कई वर्षों के दौरान लोगों के करोड़ रुपये लेकर कई कंपनी भाग चुकी हैं. वहीं, प्रेदेश में सबसे बड़ा मामला सहारा ग्रूप के खिलाफ है. जहां जमा अपने पैसों के लिए अब तक करीब 342 निवेशक दर दर भटक रहे हैं. बीते कई सालों से पटना ‌हाईकोर्ट‌ में सहारा ग्रुप ऑफ कंपनीज के खिलाफ मामले की सुनवाई चल रही है. बीते 27 अप्रैल को पटना हाईकोर्ट ने सहारा इंडिया के विभिन्न स्कीमों में उपभोक्ताओं द्वारा जमा किये पैसे के भुगतान को लेकर सहारा ग्रुप ऑफ कंपनीज के संस्थापक सुब्रत रॉय को 11 मई को कोर्ट में हाजिर होने के निर्देश दिया था, लेकिन वो कोर्ट में पेश नहीं हुए. उधर परेशान निवेशक अपने एजेंट से मारपीट पर उतारू हैं.

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