बिहार

bihar

ETV Bharat / state

Patna High Court: निचली अदालतों में लंबित आपराधिक मामलों पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई, जानें पूरा मामला - ईटीवी भारत बिहार

Pending Criminal Cases: बिहार की निचली अदालतों में लंबित आपराधिक मुकदमों के मामले पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इससे पहले की सुनवाई में कोर्ट ने इन लंबित मामलों को लेकर बिहार सरकार को सर्वे करने का निर्देश दिया था. पढ़ें पूरी खबर.

लंबित आपराधिक मुकदमों के मामले पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई
लंबित आपराधिक मुकदमों के मामले पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 3, 2023, 2:11 PM IST

पटना:पिछले दो दशकों से राज्य के निचली अदालतों में बड़ी संख्या में लंबित आपराधिक मुकदमों के मामले पर पटना हाईकोर्टमें सुनवाई की गई. चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ द्वारा कौशिक रंजन की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान बालसा ने कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत की. इस मामले पर अगली सुनवाई 15 दिसंबर,2023 को की जाएगी.

लंबित आपराधिक केसों पर सुनवाई: पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार(बालसा)के सचिव को नेशनल जुडिशल ग्रिड और नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के उपलब्ध आंकड़े को मूल रिकॉर्ड से जांच करने का निर्देश दिया था. याचिकाकर्ता कौशिक रंजन की वकील शमा सिन्हा ने कोर्ट को बताया था कि बड़ी संख्या में बिहार के विभिन्न कोर्टों में आपराधिक मामले लंबित पड़े हैं. उन्होंने बताया था कि लगभग 67 हजार मामले ऐसे हैं,जिनमें पार्टियां कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रही हैं.

लगभग सात लाख आपराधिक मामले लंबित:कोर्ट ने बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार व विभिन्न जिला विधिक सेवा प्राधिकार को ऐसे मामलों को चिन्हित कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. अधिवक्ता शमा सिन्हा ने कोर्ट को बताया था कि वकीलों सहायता के अभाव में लगभग सात लाख आपराधिक मामले लंबित हैं.

वकीलों को प्रशिक्षण: कोर्ट को ये भी बताया गया कि बिहार फेडरेशन ऑफ वीमेन लॉयर्स की ओर ये कोशिश की जा रही है कि ऐसे अंडरट्रायल कैदियों को कानूनी सहायता देने के लिए वकीलों को प्रशिक्षण दें. ऐसे कैदियों को कानूनी सहायता की जरूरी जानकारी और प्रशिक्षण देने की कार्रवाई शीघ्र प्रारम्भ किये जाने की संभावना है.

30-40 साल पुराने मामले: पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने इस सम्बन्ध में बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार को आंकड़े की जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने कहा कि इन मामलों में वकीलों की सहायता दिए जाने को गंभीरता से लिया जाना चाहिए. अधिवक्ता शमा सिन्हा ने कोर्ट को बताया था कि बहुत सारे मामले काफी पुराने है, जिनमें अधिकांश सन्दर्भहीन हो चुके हैं. तीस चालीस साल पुराने मामलों का कोई अर्थ नहीं रह जाता है.

15 दिसंबर,2023 को अगली सुनवाई: पहले की सुनवाई में याचिकाकर्ता के वकील शमा सिन्हा ने कोर्ट को बताया था कि ये आंकड़े नेशनल जुडिशल ग्रिड और नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो से मिले हैं. इन्ही आंकड़ों को कोर्ट के सामने पेश किया गया. जनहित याचिका दंड प्रक्रिया कानून के तहत प्ली- बारगेनिंग के कानून को लागू करने के लिए की गई है. रिपोर्ट में बताया गया कि बिहार की एक अदालत में 1965 का एक आपराधिक मामला लंबित है ,जो कि नेशनल ज्यूडिशियल डाटा ग्रिड में साफ दिखता है.

पढ़ें-Patna High Court News : निचली अदालतों में लंबित आपराधिक मामलों पर सुनवाई टली, अगली तारीख 22 सितंबर

ABOUT THE AUTHOR

...view details