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Patna High Court: शेरशाह मकबरे से जुड़े मामले पर हुई सुनवाई, कोर्ट ने किया निष्पादित

पटना हाईकोर्ट में सासाराम के ऐतिहासिक धरोहर शेरशाह के मकबरे के पास तालाब में स्वच्छ और ताजा पानी के लिए बनाए गए नाले बंद होने के मामले पर सुनवाई करते हुए मामले को निष्पादित कर दिया. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Jul 28, 2023, 2:18 PM IST

पटना उच्च न्यायालय
पटना उच्च न्यायालय

पटना:पटना हाइकोर्ट में सासाराम के ऐतिहासिक महत्व के धरोहर शेरशाह के मकबरे के आसपास बड़े तालाब में स्वच्छ और ताजा पानी आने के लिए बनाया गए नाले बंद होने से सम्बंधित मामलें पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस केवी चन्द्रन की खंडपीठ ने अधिवक्ता कन्हैया लाल भास्कर की जनहित याचिका पर राज्य सरकार की कार्रवाई से संतुष्ट होकर मामलें को निष्पादित कर दिया.

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जनहित याचिका पर सुनवाई: राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि इस जनहित याचिका में उठाये गए सभी समस्यायों पर कार्रवाई की गयी. जहां गंदे पानी के निकासी की उचित व्यवस्था की गयी. साथ ही स्वच्छ पानी झील में जाने की भी कार्रवाई की गयी. झील और उसके आस पास के जगहों की भी सफाई की गयी है.

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने दिया था आदेश: पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार के अधिवक्ता को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधिकारियों से विचार विमर्श करने का निर्देश दिया था. इससे पूर्व कोर्ट ने रोहतास के डीएम, डीसीएलआर, सासाराम नगर निकाय के अधिकारियो समेत केंद्र सरकार के अधिकारी और एएसआई की बैठक कर विस्तृत कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया था.

कोर्ट की मदद के लिए एमिकस क्यूरी नियुक्त: कोर्ट ने प्राची पल्लवी को इस जनहित की सुनवाई में कोर्ट की मदद करने के लिए एमिकस क्यूरी नियुक्त किया था. कोर्ट ने कहा कि ये ऐतिहासिक धरोहर है, जिसकी सुरक्षा और देखभाल करना आवश्यक है. पूर्व की सुनवाई में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कन्हैया लाल भास्कर ने कोर्ट को बताया था कि सासाराम स्थित शेरशाह का मकबरा राष्ट्रीय धरोहर है. इसके तालाब में साफ और ताजा पानी के लिए वहां तक नाले का निर्माण किया गया था. उन्होंने कोर्ट को बताया था कि 2018 से 2020 तक सिर्फ पचास फीसदी नाले का काम हुआ. इसे बाद में खराब माना गया. इसमें लगभग आठ करोड़ रुपए खर्च हुए थे.

कोर्ट ने मामले को किया निष्पादित: याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को जानकारी दी थी कि इसमें काफी अनियमितताएं बरती गई, जिसकी जांच स्वतन्त्र एजेंसी से कराई जानी चाहिए. उन्होंने बताया था कि ये नाला कूड़ा से भरा पड़ा है. जिस कारण शेरशाह के मकबरे के तालाब में साफ पानी नहीं पहुंच पाता है. उन्होंने कोर्ट को बताया था कि वह तालाब गंदा और कचड़े से भरा हुआ है. वहां जो पर्यटक आते हैं, उन्हें ऐसी हालत देख कर निराशा होती है. कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार द्वारा की गयी कार्रवाई पर संतोष जाहिर करते हुए इस मामलें को निष्पादित कर दिया.

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