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सासाराम नगर आयुक्त पर 10 हजार का जुर्माना, हाईकोर्ट ने पटना के निबंधन रजिस्ट्रार को कोर्ट में हाजिर होने का दिया आदेश - ETV bharat news

Patna High Court: पटना हाईकोर्ट ने अतिक्रमण नोटिस जारी कर परेशान करने के आरोप में सासाराम के नगर आयुक्त पर दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. वहीं फ्लैट के रजिस्ट्रेशन का पैसा जमा किये जाने के बावजूद डीड का रजिस्ट्रेशन नहीं किये जाने के मामले में पटना जिला के  निबंधन रजिस्टार को तलब किया है. पढ़ें पूरी खबर.

पटना हाईकोर्ट
पटना हाईकोर्ट

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 1, 2023, 9:39 PM IST

पटना:पटना हाईकोर्ट ने आवेदक को अतिक्रमण नोटिस जारी कर परेशान करने के आरोप में सुनवाई की है. जस्टिस संदीप कुमार ने मामले पर सुनवाई करते हुए सासाराम के नगर आयुक्त पर दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. आवेदक की ओर से कोर्ट को बताया गया कि हाईकोर्ट ने 28 नवम्बर, 2022 को नगर आयुक्त को आवेदक की ओर से दायर आपत्ति और उनका पक्ष सुन आदेश जारी करने का आदेश दिया था.

पटना हाईकोर्ट में सुनवाई:कोर्ट ने विवादित जमीन और घर के मुद्दे पर यथा स्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया था. इस आदेश का पालन नहीं किया गया और आवेदक को गत 2 जून को नोटिस जारी कर दिया गया. वहीं सासाराम के नगर निगम की ओर से कोर्ट को बताया गया कि गत 2 जून को जारी नोटिस को वापस ले लिया गया है और 27 नवम्बर को नया नोटिस जारी किया गया है. कोर्ट ने इसे गम्भीरता से लेते हुए नगर आयुक्त पर दस हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया.

पटना जिला के निबंधन रजिस्ट्रार को तलब किया: वहीं एक दूसरे मामले पटना हाईकोर्ट ने फ्लैट के रजिस्ट्रेशन का पैसा जमा किये जाने के बावजूद डीड का रजिस्ट्रेशन नहीं किये जाने के मामले में पटना जिला के निबंधन रजिस्ट्रार को तलब किया है. जस्टिस संदीप कुमार ने मनोज कुमार सिन्हा की याचिका पर सुनवाई की.

4 दिसंबर को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश: कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए पटना के निबंधन रजिस्ट्रार को 4 दिसंबर 2023 को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया. उसी दिन इस मामलें पर पुनः सुनवाई होगी.आवेदक की ओर से कोर्ट को बताया गया कि किदवाईपुरी स्थित अपार्टमेंट के निर्माण के लिए पीआरडीए ने नक्शा की स्वीकृति दी थी.

जमीन का नहीं हुआ अधिग्रहण: अपार्टमेंट के निर्माण के बाद खरीदार फ्लैट के रजिस्ट्रेशन के लिए जब डीड पेश किया. लेकिन रजिस्ट्रार ने डीड रजिस्टर करने से इंकार करते हुए कहा कि जिस जमीन पर अपार्टमेंट का निर्माण किया गया है. उस क्षेत्र के जमीन को राज्य सरकार अधिग्रहण करने की कार्रवाई की थी. कोर्ट ने कहा कि किदवईपुरी के जमीन को अधिग्रहण किया जाना था, तो फिर पीआरडीए ने कैसे अपार्टमेंट निर्माण के लिए नक्शा की स्वीकृति दी. इस क्षेत्र के जमीन को कभी अधिग्रहण किया ही नहीं गया हैं.

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