पटना:पटना हाईकोर्ट में राज्य की निचली अदालतों में वकीलों के बैठने और कार्य करने की व्यवस्था उपलब्ध (basic facility of lawyers) नहीं होने के मामलें सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने निर्देश देते हुए कहा कि वित्त, राजस्व, विधि व अन्य सम्बंधित अधिकारी इस बैठक में शामिल हो कर भूमि उपलब्धता और अन्य समस्यायों पर विचार करेंगे. 16 फरवरी, 2023 को बैठक होगी. ये कमिटी 20 फरवरी, 2023 को अपना रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करेगा.
Patna High Court News: वकीलों की बुनियादी सुविधा को लेकर HC में सुनवाई, विकास आयुक्त को अधिकारियों के साथ बैठक करने का निर्देश
पटना हाईकोर्ट ने (Patna High Court News) राज्य की निचली अदालतों में वकीलों के बैठने और कार्य करने की व्यवस्था एवं अन्य बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध नहीं होने के मामले पर सुनवाई की. एसीजे जस्टिस सी एस सिंह की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए भूमि उपलब्धता से सम्बंधित मामलें पर राज्य के विकास आयुक्त को अधिकारियों के साथ बैठक करने का निर्देश दिया. पढ़ें पूरी खबर..
वकीलों की बुनियादी सुविधा को लेकर HC में सुनवाई :पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को बताने को कहा कि राज्य के 38 जिलों में से कितने जिलों में वकीलों के भवन निर्माण के लिए जिलाधिकारियों ने भूमि चिन्हित कर भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई पूरी कर ली है. साथ ही उन जिलों के भी नाम कोर्ट ने तलब किया था, जहां ये कार्रवाई नहीं पूरी हुई है. पूर्व की सुनवाई में राज्य के सभी जिलों के डीएम और जिला जज ऑनलाइन उपस्थित रहे थे. उन्होंने कोर्ट को भवनों के लिए भूमि अधिग्रहण और निर्माण के सम्बन्ध में प्रगति रिपोर्ट पेश किया था.
काम में तेजी लाने का कोर्ट ने दिया निर्देश :श्री शर्मा ने कोर्ट को बताया था कि भवनों का निर्माण राज्य सरकार के भवन निर्माण भवन निर्माण विभाग करें, तो काम तेजी से हो सकेगा. ठेकेदारी के काम में बिलम्ब होने के अलावे लागत भी ज्यादा आएगा. याचिकाकर्ता का कहना है कि राज्य के अदालतों की स्थिति अच्छी नहीं है. अधिवक्ता अदालतों में कार्य करते है, लेकिन उनके लिए न तो बैठने की पर्याप्त व्यवस्था है और न कार्य करने की सुविधाएं उपलब्ध हैं.
मामले में अगली सुनवाई 20 फरवरी को :वकीलों के लिये शुद्ध पेय जल, शौचालय और अन्य बुनियादी सुविधाएँ भी उपलब्ध नहीं होती हैं. उन्होंने कोर्ट को बताया कि अदालतों के भवन के लिए जहां भूमि उपलब्ध भी है, वहां भूमि को स्थानांतरित नहीं किया गया है. जहां भूमि उपलब्ध करा दिया गया है, वहां कार्य प्रारम्भ नहीं हो पाया हैं. इस मामले पर अगली सुनवाई 20 फरवरी, 2023 को की जाएगी.