पटना:पटना हाईकोर्ट में शेरशाह के मकबरे के पास बने बड़े तालाब में स्वच्छ पानी आने के लिए बना नाला बंद होने की PIL मामले पर अब 7 जुलाई को सुनवाई (Hearing in the High Court on July 7) होगी. PIL पर मुख्य न्यायाधीश केवी चन्द्रन की खंडपीठ सुनवाई कर रही है. वकील कन्हैया लाल भास्कर ने मकबरे को लेकर जनहित याचिका दायर की थी. पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र सरकार के अधिवक्ता को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधिकारियों से विचार विमर्श करने का निर्देश दिया था.
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विस्तृत कार्य योजना बनाने का निर्देश :इससे पूर्व कोर्ट ने रोहतास के जिलाधिकरा, डीसीएलआर, सासाराम नगर निकाय के अधिकारियों समेत केंद्र सरकार के अधिकारी और एएसआई की बैठक कर विस्तृत कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया था. पटना हाईकोर्ट ने प्राची पल्लवी को इस जनहित (PIL) की सुनवाई में कोर्ट की मदद करने के लिए एमिकस क्यूरी नियुक्त किया था. हाईकोर्ट ने कहा कि ये ऐतिहासिक धरोहर है, जिसकी सुरक्षा और देखभाल करना आवश्यक हैं.
नाले का 50 फीसदी ही काम हुआ पूरा:पूर्व की सुनवाई में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कन्हैया लाल भास्कर ने कोर्ट को बताया था कि सासाराम स्थित शेरशाह का मकबरा राष्ट्रीय धरोहर हैं. यहां तालाब में साफ और ताजा पानी के लिए वहां तक नाला बनाया गया था. उन्होंने कोर्ट को बताया था कि 2018 से 2020 तक सिर्फ पचास फीसदी नाले का काम हुआ. इसे बाद में खराब माना गया. इसमें लगभग 8 करोड़ रुपए खर्च हुए थे.
तालाब गंदा और कचड़े से भरा हुआ है:उन्होंने कोर्ट को जानकारी दी थी कि इसमें काफी अनियमितताएं बरती गई. जिसकी जांच स्वतन्त्र एजेंसी से कराई जानी चाहिए. उन्होंने बताया था कि ये नाला कूड़ा कचरा से पूरी तरहा भरा हुआ है. इस वजह से शेरशाह के मकबरे के तालाब में साफ पानी नहीं पहुंच पा रहा है. उन्होंने कोर्ट को बताया था कि वह तालाब गंदा और कचड़े से भरा हुआ है. वहां जो पर्यटक आते है,उन्हें ऐसी हालत देख कर निराशा होती है.