पटना: प्रदेश में कोरोना के खिलाफवैक्सीनेशन अभियान चल रहा है. लेकिन इस अभियान में स्वास्थ्य कर्मियों की ज्यादा रुचि देखने को नहीं मिल रही है. अब तक के वैक्सीनेशन में लगभग 53 फीसदी ही स्वास्थ्य कर्मी वैक्सीनेशन के लिए सामने आए हैं. अधिकांश स्वास्थ्य कर्मी निजी कारण और ड्रग एलर्जी का कारण बताकर वैक्सीनेशन के लिए नहीं आ रहे हैं.
स्वास्थ्य कर्मियों में वैक्सीनेशन को लेकर जागरुकता बढ़े, इसके लिए जनप्रतिनिधि से अपील कर रहे हैं कि वह बढ़-चढ़कर आगे आएं. खुद पहले वैक्सीन लें, ताकि लोगों में वैक्सीन को लेकर एक विश्वास कायम हो.
जनप्रतिनिधियों को आना चाहिए सामने
पटना के मशहूर चिकित्सक डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि वह समझते हैं कि वैक्सीन के प्रति स्वास्थ्य कर्मियों में भरोसा बढ़ाने के लिए जनप्रतिनिधियों को सामने आना चाहिए. जैसे कि प्रदेश के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री आगे आए और पहले कोरोना के कोवैक्सीन का टीका लें.
"भारत के दोनों वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित हैं. लेकिन जो स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन है, सभी जनप्रतिनिधि इस वैक्सीन का टीका लें. जनप्रतिनिधियों की इस पहल से लोगों में वैक्सीन को लेकर विश्वास निश्चित तौर पर बढ़ेगा. जो दो वैक्सीन है, उसमें से कोवैक्सीन को लेकर लोगों के मन में आशंकाएं ज्यादा है. इसकी प्रमुख वजह यह है कि इसके क्लिनिकल ट्रायल के थर्ड फेज का रिजल्ट अब तक सामने नहीं आया है. इसे सामने आने में मार्च का महीना लग जाएगा"- डॉ. दिवाकर तेजस्वी, चिकित्सक