पटनाः कोरोना काल में सरकारी अस्पतालों पर डॉक्टरों और दवाइयों की उपलब्धता के दावे किए जा रहे हैं. लेकिन राजधानी में इसकी हकीकत कुछ और ही है. पटना सदर क्षेत्र अंतर्गत दीघा पाटीपुर के वार्ड नंबर-1 में स्थित स्वास्थ्य उपकेंद्र से मरीज बिना इलाज के लौटकर जा रहे हैं.
पटनाः अक्सर बंद रहता है स्वास्थ्य उपकेंद्र, निजी क्लिनिकों पर निर्भर हैं लोग - Health Services in Patna
पटना सदर क्षेत्र अंतर्गत दीघा पाटीपुर के वार्ड नंबर-1 में स्थित स्वास्थ्य उपकेंद्र पर ताला जड़ा है. जिससे इलाके के मरीजों को काफी परेशानी हो रही है.
![पटनाः अक्सर बंद रहता है स्वास्थ्य उपकेंद्र, निजी क्लिनिकों पर निर्भर हैं लोग पटना](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-8360120-254-8360120-1597029009420.jpg)
दरअसल इस स्वास्थ्य उपकेंद्र पर करीब दो सालों से ताला जड़ा है. लिहाजा इलाके के मरीजों को निजी क्लिनिक का रुख करना पड़ रहा है. जहां छोटी-मोटी बीमारी में भी हजारों रुपए खर्च हो जाते हैं.
नहीं ली जा रही सुध
दीघा की पूर्व मुखिया चंद्रवंशी गोप ने बताया कि इस स्वास्थ्य उपकेंद्र की शुरुआत बहुत धूमधाम से की गई थी. सप्ताह सें दो दिन एमबीबीएस डॉक्टर भी आते थे. निशुल्क इलाज के साथ दवाईयां भी मुफ्त में दी जाती थी. जिससे इलाके के लोगों को काफी सहुलियात होने लगी थी. लेकिन पिछले दो सालों से यह बंद पड़ा है. स्थानीय जनप्रतिनिधि से लेकर अधिकारियों से भी इसकी शिकायत की गई, फिर भी कोई सुधी लेने नहीं आता है. बता दें कि पटना सदर के नकटा दियारा पंचायत में स्थित स्वास्थ्य उपकेंद्र भी बंद रहता है.