पटनाःस्कूली बच्चों में रामायण महाभारत और गीता की जानकारी हो इसे लेकर बहस शुरू हो गई है. मध्यप्रदेश में स्कूल सिलेबस(school syllabus) में रामायण महाभारत को शामिल किया जा चुका है और बिहार में भी इसकी मांग जोर पकड़ने लगी है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे(Health MinisterMangal Pandey) ने कहा है कि होनहार बच्चे देश की परंपराएं धर्म और शास्त्र को समझें यह बेहद जरूरी है.
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दरअसल मध्यप्रदेश में स्कूली बच्चों को धर्म और परंपरा का ज्ञान और उसके लिए रामायण महाभारत और गीता को सिलेबस में शामिल कराया गया है. बिहार में भी बच्चे परंपराओं से रूबरू हों, इसे लेकर रामायण और गीता को सिलेबस में शामिल किए जाने की मांग उठने लगी है. भाजपा कोटे के मंत्री इस विषय को सिलेबस में शामिल किए जाने के पक्ष में उतर आए हैं.
बयान देते स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे 'होनहार बच्चे देश की परंपराएं धर्म और शास्त्र को समझे यह बेहद जरूरी है. रामायण महाभारत और गीता के बारे में हर किसी को जानकारी होनी चाहिए. मैं शिक्षा मंत्री नहीं हूं. लेकिन इस ज्ञान को बच्चों के लिए जरूरी मानता हूं'- मंगल पांडे, स्वास्थ्य मंत्री
वहीं, वन पर्यावरण मंत्री नीरज बबलू ने भी कहा है कि बच्चों को रामायण गीता और महाभारत पढ़ाया जाना चाहिए और इसके लिए अगर सिलेबस में शामिल करने की जरूरत हो तो उसे भी करना चाहिए.
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बता दें कि मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग ने फैसला किया है कि स्कूलों में अब रामायण का पाठ भी पढ़ाया जाएगा. सरकार ने हाल ही में जो पाठ्यक्रम जारी किया है, उसके मुताबिक रामचरितमानस का व्यावहारिक ज्ञान के नाम से एक पूरा पेपर होगा. जिसमें छात्रों को रामचरितमानस से जुड़े आदर्शों का अध्ययन कराया जाएगा. मध्य प्रदेश सरकार के इस फैसले के बाद बिहार में भी बीजेपी के नेताओं ने इसकी मांग शुरू कर दी है.