पटना:बिहार में कोरोना महामारी के बीचब्लैक फंगस के भी कुछ मरीज मिले हैं. पटना एम्स, आईजीआईएमएस और निजी अस्पतालों में इसके कुछ मरीज भर्ती हैं. हालांकि इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट है. ऐसे मरीजों की पहचान कर इलाज की जा रही है.
ये भी पढ़ें- संक्रमण का डबल अटैक: पटना AIIMS में 'ब्लैक फंगस' के 4 मरीज भर्ती, IGIMS में एक का इलाज जारी
आईजीआईएमएस के डॉक्टरों ने बताया कि इस ब्लैक फंगस के इलाज के लिए एक इंजेक्शन है. इससे मरीजों को बहुत ज्यादा नुकसान नहीं होगा. इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है.
'ब्लैक फंगस के मरीजों पर रखी जा रही नजर'
इस ब्लैक फंगस बीमारी को लेकर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि इस बीमारी के मरीजों पर पूरी नजर रखी जा रही है. इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्क रहना है. साथ ही स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ब्लैक फंगस को लेकर आईजीआईएमएस के डॉक्टरों से बातचीक की गई है. डॉक्टरों ने आश्वासन दिया है कि इसका इलाज है इसलिए परेशान होने की जरूरत नहीं है.
'घबराने की नहीं है जरूरत'
ब्लैक फंगस को लेकर कहा जा रहा है कि इससे सबसे ज्यादा आंखों को नुकसान पहुंचता है. इसी वजह से लोग घबराए हुए हैं. लेकिन इसको लेकर नेत्र रोग के विशेषज्ञ डॉ. सुनील कुमार सिंह ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है. जिन कोविड मरीजों को लंबे समय तक ऑक्सीजन दिया गया है या फिर काफी स्ट्राइड दिया गया है उन्हीं मरीजों में से रेयर को यह बीमारी होती है. हालांकि इसका इलाज भी संभव है. लेकिन इस बीमारी की जल्द से जल्द पहचान करना जरूरी है.
मंगल पांडेय, स्वास्थ्य मंत्री बिहार में ब्लैक फंगस के 10 मरीज
बता दें कि ब्लैक फंगस के अब तक बिहार में 10 मरीज मिले हैं. गुरुवार को 5 नए मरीज ब्लैक फंगस के भर्ती हुए हैं. इनका पटना एम्स, आईजीआईएमएस और 2 निजी अस्पतालों में इलाज चल रहा है.