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पत्रकारों का सवालः 'सर.. नीति आयोग की रिपोर्ट पर क्या कहेंगे?' स्वास्थ्य मंत्री का जवाब- 'चलिए ना..'

नीति आयोग के रिपोर्ट के अनुसार बिहार में प्रति एक लाख की आबादी पर मात्र छह बेड हैं. जो कि पूरे भारत में सबसे निचले पायदान पर है. इस बारे में मंत्री कुछ कहना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं. उनसे सवाल पर सवाल किए गए लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया. आगे चलने का इशारा कर कहने लगे, 'चलिए ना..' पढ़ें रिपोर्ट...

मंगल पांडे
मंगल पांडे

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Published : Oct 1, 2021, 10:46 PM IST

पटनाः सर... नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार सबसे निचले पायदान पर है. क्या कहेंगे? एक नहीं, दो नहीं, तीन-तीन बार अलग-अलग पत्रकारों ने यह सवाल किए. सवाल बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे (Health Minister Mangal Pandey) से किया जा रहा था. नीति आयोग ( Niti Aayog ) के रिपोर्ट पर उठे सवाल पर वे कुछ बोलना भी मुनासिब नहीं समझ रहे थे. वे चलते गए और पत्रकार सवाल पूछते रहे. झुके हुए सिर तब उठे जब दूसरे सवाल की बारी आयी. चलते-चलते वे इतना जरूर कह गए, 'चलिए ना...'

अब आपको जानकारी देते हैं कि इस रिपोर्ट में आखिर ऐसे क्या है, जिस कारण मंत्री जी के सिर झुक गए. जुबान पर ताला लग गया. जानकारी दें कि बिहार सरकार तीन महीने के बाद जागी है. नीति आयोग द्वारा जून में जारी एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2020-21 में बिहार को निचले पायदान पर रखा गया था.

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अब जानिए कि नीति आयोग की 'जिला अस्पतालों के कामकाज में बेहतर गतिविधियों' पर एक रिपोर्ट पेश किया गया है. रिपोर्ट में आया है कि देश में जिला अस्पतालों में प्रति एक लाख आबादी पर औसतन 24 बिस्तर हैं. इसमें पुडुचेरी में जिला अस्पतालों में सर्वाधिक औसतन 222 बिस्तर उपलब्ध हैं, वहीं बिहार में सबसे कम छह बिस्तर हैं.

बिहार को एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2020-21 में 52 अंक मिला है. बिहार सबसे निचले पायदान पर है. बिहार से ऊपर अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, असम, उड़ीसा और झारखंड जैसे राज्य हैं. इसको लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है. तीन महीने बाद सरकार ने नीति आयोग की रिपोर्ट पर आपत्ति दर्ज की है.

रिपोर्ट में आया है कि बिस्तरों की उपलब्धता, चिकित्सा और इलाज में डॉक्टर की मदद करने वाले चिकित्साकर्मियों (पैरामेडिकल) की संख्या, जांच सुविधाएं जैसे संकेतकों के आधार पर 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 75 जिला अस्पतालों का प्रदर्शन काफी बेहतर है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रदर्शन से जुड़े प्रमुख संकेतकों के आधार पर प्रति एक लाख की आबादी पर कार्यरत अस्पतालों में बिस्तरों की औसतन संख्या 24 है. भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मानक (आईपीएचएस) 2012 दिशा निर्देश के तहत जिला अस्पतालों को प्रति एक लाख आबादी पर कम से कम 22 बिस्तर की सिफारिश की गई है. यह सिफारिश 2001 की जनगणना के औसत जिला जनसंख्या पर आधारित है.

रिपोर्ट के अनुसार, देश में पुडुचेरी में बिस्तरों की औसतन संख्या सर्वाधिक है. केंद्रशासित प्रदेश के जिला अस्पताल में प्रति एक लाख आबादी पर 222 बिस्तर हैं. जबकि बिहार में प्रति एक लाख आबादी पर सबसे कम छह बिस्तर उपलब्ध हैं.

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 707 जिला अस्पतालों में कुल 101 ने सभी क्रियात्मक विशेषताओं वाले 14 मानदंडों को पूरा किया. इसमें कहा गया है कि तमिलनाडु में सभी क्रियात्मक विशेषताओं वाले अस्पतालों का अनुपात सबसे अधिक था. इसके बाद कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और केरल का स्थान है.

रिपोर्ट के अनुसार, भारत में जिला अस्पतालों में प्रति एक लाख की आबादी पर एक से 408 बिस्तर हैं. नीति आयोग के अनुसार 217 जिला अस्पतालों में प्रति एक लाख आबादी पर कम-से-कम 22 बिस्तर पाये गये. यह पाया गया कि जिन जिलों में आबादी कम है, वहां बुनियादी ढांचा से संबद्ध प्रदर्शन से जुड़े प्रमुख संकेतकों की स्थिति बेतहर है.

रिपोर्ट स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ इंडिया) के सहयोग से तैयार की गयी है. देश में जिला अस्पतालों की संख्या 800 से अधिक हैं. ये अस्पताल लोगों को महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करा रहे हैं.

नीति आयोग की रिपोर्ट (Niti Aayog Report) का हवाला देते हुए बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव(Leader of Opposition Tejashwi Yadav) ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट कर सीएम नीतीश कुमार को बधाई दी है. अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा कि '16 वर्षों के थकाऊ परिश्रम के बूते बिहार को नीचे से नंबर-1 बनाने पर नीतीश जी को बधाई'.

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