पटना: बिहार में कोरोना टीकाकरण को लेकर राजधानी से लेकर राज्य के प्रखंडों और गांवों तक में तैयारी पूरी कर ली गई है. राज्य सरकार का मानना है कि केंद्र सरकार द्वारा पूरी तकनीकी मदद मिल रही है. इस बीच, टीका (वैक्सीन) को सुरक्षित रखने के लिए प्रखंडों तक में व्यवस्था की गई है.
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने सोमवार को कहा कि बिहार में वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने के लिए केंद्र से पूरी तकनीकी मदद मिल रही है. वैक्सीन के रख-रखाव के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 980 से अधिक उपकरणों का आवंटन किया है. राज्य में अभी इन उपकरणों की कुल उपलब्धता 2600 से अधिक है.
वैक्सीन के साथ-साथ उपकरणों की उपलब्धता के बारे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय लगातार राज्य के स्वास्थ्य विभाग का मार्गदर्शन कर रहा है. बिहार में कोविड से निपटने के लिए ‘कोविशील्ड’ और ‘कोवैक्सीन’ की गुणवत्ता बनाये रखने के लिए जिला स्तर तक शीत श्रृखंला उपकरण (कोल्ड चेन इक्वीपमेंट) का उपयोग किया जाएगा.
केंद्र से मिले 539 डीप फ्रीजर
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा "कोविड वैक्सीन के रख-रखाव के लिए केंद्र सरकार ने अतिरिक्त संसाधन का आवंटन किया है, जिसमें 539 डीप फ्रीजर, 432 आइस लाइंड रेफ्रिजरेटर, 8 वॉक कूलर और 2 वॉक फ्रीजर शामिल हैं. इसमें से 423 आइस लाइंड रेफ्रिजरेटर को जिलों को आवंटित कर दिया गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देश और मार्गदर्शन में विभाग ने कोविड 19 के वैक्सीनेशन की पूरी तैयारी कर ली है. प्रथम चरण में कोविड पोर्टल पर स्वास्थ्यकर्मियों (सरकारी व गैर सरकारी) लाभार्थियों का निबंधन किया जा चुका है. टीकाकरण के लिए 65 हजार टीकाकर्मी चिह्नित किए गए हैं, जिनकी सेवा आगे ली जा सकेगी."
मतदान केंद्र के आधार पर टीकाकरण का स्थल तय
मंगल पांडेय ने कहा "टीकाकरण के लिए स्थल का निर्धारण चुनाव के लिए तैयार किए गए मतदान केंद्रों के आधार पर किया गया है. प्रत्येक स्थल पर तीन कक्ष होंगे. इन स्थलों का राज्य और जिला स्तर के पदाधिकारियों द्वारा मॉनिटरिंग की जा चुकी है. वैक्सीन के रख-रखाव के लिए राज्य के सभी शीत श्रृंखला संधारण केंद्रों की मॉनिटरिंग इलेक्ट्रॉनिकली की जाती है. इसके तहत ‘इनिंग सिस्टम है’, जो एक मोबाइल एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर व टेंपरेचर लांगर की सहायता से वैक्सीन का स्टॉक और भंडारण तापमान के बारे में सही समय की सूचना देकर तथ्यों के आधार पर निर्णय लेने में मदद करता है."
सभी प्रखंड में कोल्ड-चेन हैंडलर प्रशिक्षित
पांडेय ने बताया "वैक्सीन के रख-रखाव के लिए राज्य के प्रत्येक प्रखंड में ‘कोल्ड-चेन हैंडलर’ को प्रशिक्षित किया गया है. जिला स्तर पर भी वैक्सीन व कोल्ड चेन प्रबंधकों की तैनाती की गई है. वैक्सीनेशन के बाद यदि किसी भी लाभार्थी को कोई कष्ट हो तो इसके लिए भी सभी स्थलों पर नोडल पदाधिकारी को चिह्नित किया जा चुका है. वैक्सीन के रख-रखाव के लिए मुख्यालय से जिला स्तर पर सबसे ज्यादा आवश्यकता आइस लांइड रेफ्रिजरेटर की होती है, जिसमें वैक्सीन को दो से आठ डिग्री तापमान पर रखा जाएगा."
"टीकाकरण के लिए 5 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है, जिसके द्वारा 100 लोगों को टीका दिया जाएगा. जो लोग पहले से कोविड पोर्टल पर निबंधित हैं, उन्हीं 4 लाख 42 हजार 195 लाभार्थियों को टीका दिया जाएगा. अभी राज्य स्तर पर एक टीकौषधि भंडार, क्षेत्रीय स्तर पर 10, जिला स्तर पर 38 और प्रखंड स्तर पर 630 टीकौषधि भंडार की व्यवस्था की गई है." - मंगल पांडेय, स्वास्थ्य मंत्री