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3270 आयुष चिकित्सकों की होगी बहाली, बंद पड़ें आयुर्वेद कॉलेज भी खुलेंगे: मंगल पांडे

एक कार्यक्रम में बोलते हुए स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि राज्य में 3270 आयुष चिकित्सकों की बहाली जल्द (Announcement on Ayush Doctor Recuirtment) होगी. इसके अलावा राज्य में बंद पड़े आयुर्वेद कॉलेज को भी खोला जाएगा. इसके लिए 25 करोड़ की राशि कैबिनेट से स्वीकृत की है. पढ़ें पूरी खबर...

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे

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Published : Jun 19, 2022, 11:01 PM IST

पटना:कोरोना काल में दुनियाभर ने आयुर्वेद की पद्धति के रुप में काढ़ा का सेवन कर यह प्रमाणित किया कि हमारी आयुर्वेद पद्धति किसी भी बीमारी को दूर करने में श्रेष्ठ है. यह कहना था स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय (Health Minister Mangal Pandey) का. वे विश्व आयुर्वेद परिषद बिहार इकाई के 25 वें वर्ष के अवसर पर आयोजित सबल व्याधिक्षमत्व एवं वैद्य गंगाधर शर्मा त्रिपाठी स्मृति विषय पर पाटलिपुत्र राष्ट्रीय सेमिनार में बोल रहे थे. वे बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में शामिल हुए थे.

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21 जून को मनाया जाएगा योग दिवस:उन्होंने कहा कि आयुर्वेद और योग दोनों एक दूसरे के पूरक हैं. आज कई वैद्य आयुर्वेद दवाओं के साथ-साथ योग की सलाह भी देते हैं. आज दुनिया के 200 देशों में 21 जून को विश्व योग दिवस (Vishwa Yog Diwas) मनाया जाता है. यह भारत की प्राचीन पद्धति है, जिसे दुनिया ने अपनाया है. उन्होंने कहा कि 21 जून को विश्व योग दिवस है. ऐसे में यहां मौजूद आप सभी आयुर्वेद चिकित्सक व आयुर्वेद के छात्रों से मेरी गुजारिश है कि आप योग दिवस के दिन सार्वजनिक कार्यक्रमों में भाग लें और सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित करें.

825 करोड़ की राशि कैबिनेट से स्वीकृत: उन्होंने कहा कि प्रधानमत्री नेरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आयुष के क्षेत्र में व्यापक कार्य किए हैं. स्वास्थ्य विभाग ने भी राज्य के अंदर कार्यरत व बंद पड़े आयुर्वेद, यूनानी एवं होम्योपैथ कॉलेजों के जीर्णोद्धार के लिए 825 करोड़ की राशि कैबिनेट से स्वीकृत की है. उन्होंने कहा कि हम राज्य में आयुष पद्धति के संपूर्ण विकास के लिए संकल्पित है. उसी क्रम में शीघ्र ही राज्य के अंदर 3270 आयुष चिकित्सकों की बहाली होगी. इसके लिए सारी तैयारियां पूर्ण की जा चुकी है.

उन्होंने कहा कि राज्य के 40 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर भी आयुष मिशन के तहत चल रहे हैं. सम्मेलन में भाग लेने आए विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों से आग्रह करना चाहता हूं कि आप बिहार सरकार के बेहतर कार्यों की चर्चा अपने राज्यों में भी करें. जिससे इस पद्धति के विकास के लिए बिहार में हो रहे कार्यों की जानकारी सभी को मिले. कोरोना काल में जहां अन्य चिकित्सा की पद्धति पर लोग भरोसा जता रहे थे, वहीं आयुर्वेद की चिकित्सा पद्धति ने कोरोना की लड़ाई में अहम योगदान दिया. इस अवसर पर विश्व आयुर्वेद परिषद बिहार इकाई के राष्ट्रीय सचिव शिवादित्य ठाकुर, वैद्य विनोद शर्मा, वैद्य राहुल जी, वैद्य किरण शुक्ला व अन्य मौजूद थे.

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