पटना:देश के अन्य राज्यों में फिर से एक बार कोरोना (Increase Of Corona Cases In Bihar ) के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं. बिहार में भी दिसंबर के महीने में कोरोना के मामलों में काफी इजाफा हुआ है. ऐसे में कोरोना की संभावित तीसरी लहर और बिहार में ओमीक्रोन के खतरे (Omicron In Bihar) की आशंका को देखते हुए प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हो गया है. विभाग ने राज्य स्तर पर 6 टीमें गठित की है.
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प्रदेश में कोरोना (Bihar Corona Update) के बढ़ते मामलों का अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि, विगत 5 दिनों में कोरोना के 29 नए मामले सामने आए हैं और दिसंबर महीने में नए मामलों की संख्या 100 से अधिक हो गई है. शनिवार को भी राजधानी पटना में कोरोना के 4 नए मामले सामने आए हैं जबकि, शुक्रवार को 7 नए मामले सामने आए थे. प्रदेश में अभी के समय एक्टिव मरीजों की संख्या 80 से अधिक है. राजधानी पटना में 58 की संख्या में एक्टिव मरीज मौजूद हैं.
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दिसंबर महीने में जिस प्रकार से राजधानी पटना और पूरे प्रदेश भर में कोरोना के मामले बढ़े हैं, उसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के स्तर से राज्य स्तर पर कोरोना की मॉनिटरिंग के लिए 6 टीम तैयार की गई है. 80 से अधिक अधिकारियों को लगाया गया है, जो टीम में मौजूद रहेंगे. इसके साथ ही दूसरी लहर के समय जिस प्रकार स्वास्थ्य विभाग की तैयारी थी, उसी स्तर पर एक बार फिर से तैयारी की गई है. कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर नई गाइडलाइन के मुताबिक अब रिपोर्ट पॉजिटिव मिलने पर उस रिपोर्ट की सूचना तत्काल संबंधित जिले के डीएम को देनी होगी.
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इसके अलावा आदेश में स्पष्ट किया गया है कि, मौजूदा स्थिति और संभावित तीसरे लहर को देखते हुए संक्रमण की रोकथाम की व्यवस्था तैयार की जा रही है. दूसरी लहर की तरह ही फिर से कोरोना कोषांग बनाया गया है.
6 टीम तैयार की गई:
- कांटेक्ट ट्रेसिंग सेल: यह सेल पॉजिटिव लोगों से बात कर कांटेक्ट ट्रेसिंग का काम करेगा, उनके संपर्क में जो लोग भी आए होंगे, उनकी सूची तैयार होगी.
- कोविड टेस्टिंग सेल: यह सेल यह सुनिश्चित करेगा कि, कांटेक्ट ट्रेसिंग वाले लोगों की कोरोना जांच सुनिश्चित हो. इसके अलावा प्रदेश के सभी जिलों में चल रहे कोरोना जांच की मॉनिटरिंग करेगा.
- कोविड रिपोर्टिंग सेल: यह सेल यह जानकारी इकट्ठा करेगा कि, कितने लोग संक्रमित हो रहे हैं और जो संक्रमित हो रहे हैं उनमें से कितने लोग कब ठीक हो रहे हैं, आइसोलेशन में मरीज कितने दिन रह रहे हैं और अगर मरीज को आइसोलेशन की जरूरत होती है तो, आइसोलेशन सेंटर से कोऑर्डिनेट करेगा.
- आइसोलेशन ट्रीटमेंट एंड पेशेंट वेलफेयर सेल: यह सेल आइसोलेशन सेंटर की व्यवस्था के साथ-साथ वहां पेशेंट को मिल रहे ट्रीटमेंट और वेलफेयर के विषय पर काम करेगा.
- पोर्टल मैनेजमेंट सेल: यह सेल कोरोना मरीजों की जांच रिपोर्ट के साथ साथ पोर्टल से जुड़ी हर जानकारी को अपडेट करेंगे. किस जिले में किस जगह कितने मरीज हैं, इसकी जानकारी पोर्टल पर अपडेट करते रहेंगे.
- हेल्थ सिस्टम स्ट्रैंथ एंड कोविड मैनेजमेंट सेल: एयरटेल हेल्थ सिस्टम को मजबूती प्रदान करने और कोरोना के बेहतर मैनेजमेंट के लिए काम करेगी.
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