पटना:राज्य के निजी अस्पताल कोरोना के मरीजों से अब मनमानी फीस नहीं वसूल सकेंगे. राज्य के सभी जिलों से निजी अस्पतालों की मिलती शिकायतों के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों में कोरोना मरीज से इलाज के लिये लिए जाने वाली फीस तय कर दिए हैं. फैसले से सभी जिलाधिकारियों को अवगत भी करा दिया गया है.
इलाज की दरें तय करने के लिए जिलों को तीन श्रेणी A, B और C में बांटा गया है. ए श्रेणी में पटना के अस्पताल रखे गए हैं. जबकि बी में भागलपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, गया और पूर्णियां के अस्पताल आएंगे. श्रेणी सी में शेष जिले के अस्पताल हैं.
स्वास्थ्य विभाग का नया फैसला विभाग ने हर श्रेणी के अस्पताल को भी दो वर्ग में बांटा है. पहला एनएबीएच (नेशनल एक्रेडिएशन बोर्ड ऑफ हॉस्पिटल) से मान्यता प्राप्त अस्पताल और दूसरे वैसे अस्पताल हैं. जिन्हें एनएबीएच की मान्यता नहीं है. अस्पतालों को भी मरीजों की तीन श्रेणी के आधार पर बांटा गया है. इनमें सामान्य मरीज, गंभीर मरीज और अति गंभीर मरीज को दी जाने वाली सुविधा के अनुसार दरें तय की गई हैं.
जिला और उनकी श्रेणी
A श्रेणी - पटना
B श्रेणी - भागलपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, गया और पूर्णियां
C श्रेणी - इन जिलों के अलावा अन्य जिले
कोरोना इलाज की हर दिन की दर
- अस्पताल की श्रेणी सामान्य मरीज, गंभीर मरीज, अति गंभीर मरीज
- ऑक्सीजन के साथ बेड, आईसीयू, वेंटीलेटर के साथ आईसीयू
- एनएबीएच से मान्यता 10 हजार 15 हजार और 18000 रुपये
- प्राप्त अस्पताल-पीपीई किट के 1200, 2000 रुपये
- बिना-एनएबीएच वाले 8000, 13000, 15 हजार रुपये
- अस्पताल- पीपीई किट के 1200 और 2 हजार रुपये
बी-श्रेणी के जिलों के निजी अस्पतालों के लिए कोरोना इलाज की दर
- अस्पताल की श्रेणी- सामान्य मरीज, गंभीर मरीज, अति गंभीर मरीज
- ऑक्सीजन के साथ- बेड आईसीयू, वेंटीलेटर के साथ आईसीयू
- एनएबीएच से मान्यता 8000, 12000, 14400 रुपये
- प्राप्त अस्पताल-पीपीई किट के 1200 और 2000 रुपये
- बिना-एनएबीएच वाले 6400, 10400 और 12 हजार रुपये
- अस्पताल- पीपीई किट के 1200 और 2000 रुपये
C श्रेणी के जिलों के निजी अस्पतालों के लिए कोरोना इलाज की दर
- अस्पताल की श्रेणी-सामान्य मरीज, गंभीर मरीज, अति गंभीर मरीज
- ऑक्सीजन के साथ बेड, आईसीयू, वेंटीलेटर के साथ आईसीयू
- एनएबीएच से मान्यता 6000, 9000 और 10800 रुपये
- प्राप्त अस्पताल-पीपीई किट के 1200 और 2000 रुपये
- बिना-एनएबीएच वाले 4800, 7800 और 9 हजार रुपये
- अस्पताल-पीपीई किट के 1200 और 2 हजार रुपये
दरें तय करने की जिम्मेदारी डीएम की
निजी अस्पतालों को कोरोना मरीजों के इलाज की अनुमति देने के साथ ही पूर्व में सरकार ने डीएम को इलाज की दरें निर्धारित करने का कार्य दिया था. लेकिन, डीएम यह कार्य समय पर कर नहीं सके. नतीजा निजी अस्पताल मनमाने तरीके से शुल्क लेकर मरीजों को परेशान करने लगे. बता दें कि पटना के एक निजी अस्पताल ने तो एक कोरोना मरीज के इलाज का 6,34,200 रुपये का कच्चा बिल परिजनों को थमा दिया. ऐसी शिकायतों की संख्या बढ़ता देख स्वास्थ्य के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने विभाग के स्तर पर निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के इलाज की दरें तय करने का फैसला किया. वहीं, शुक्रवार से यह फैसला प्रभावी भी कर दिया गया.