पटना: बिहार में शिक्षक नियोजन (Bihar Teacher) प्रक्रिया के बीचो-बीच प्राथमिक शिक्षा निदेशक और माध्यमिक शिक्षा निदेशक के तबादले का मामला तूल पकड़ता दिख रहा है. विशेष रूप से प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ. रणजीत कुमार सिंह आज सुबह से ही ट्विटर पर टॉप टेन में ट्रेंड कर रहा है. अभ्यर्थी (Teacher Candidate) उन्हें वापस लाने की मांग कर रहे हैं. उन्हें पंचायती राज का निदेशक बनाया गया है.
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बिहार में शिक्षक नियोजन प्रक्रिया के तहत काउंसिलिंग का प्रथम चरण जुलाई में पूरा हुआ है. दूसरा चरण अगस्त में होना है. लेकिन इसके पहले ही शिक्षा विभाग के प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ. रणजीत कुमार सिंह के तबादले से अभ्यर्थी भड़क गए हैं.
शिक्षक अभ्यर्थियों ने सरकार से आईएएस रणजीत कुमार सिंह को वापस लाने की मांग की है. उनका कहना है कि आखिर क्यों नियोजन प्रक्रिया के बीचोबीच एक ऐसे अधिकारी का तबादला कर दिया गया, जो ईमानदार तरीके से अभ्यर्थियों के काउंसिलिंग की प्रक्रिया को पूरा करवा रहे थे.
आपको बता दें कि 2 अगस्त से 9 अगस्त के बीच पूरे बिहार में करीब एक सौ से ज्यादा नगर निकाय, करीब 400 प्रखंड नियोजन इकाई और 4000 से ज्यादा पंचायत नियोजन इकाईयों में 60 हजार से ज्यादा शिक्षक अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग होनी है. लेकिन इसके पहले ही डॉ. रणजीत कुमार सिंह का तबादला पंचायती राज विभाग में कर दिया गया.
अभ्यर्थी अब उन्हें वापस लाने की मांग कर रहे हैं और सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर रहे हैं. वे कह रहे हैं कि आखिर क्यों पारदर्शी तरीके से काउंसिलिंग की प्रक्रिया में लगे प्राथमिक शिक्षा निदेशक का तबादला सरकार ने कर दिया है.
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