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'मांझी जैसे नेता को दरकिनार कर बिहार की राजनीति संभव नहीं' - जीतन राम मांझी

बुधवार को लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव द्वारा हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी पर तंज कसने के बाद बयानबाजी का दौर जारी है. हम के प्रवक्ता विजय यादव ने राजद पर तंज कसते हुए साफ साफ कहा कि राजद एक दलित विरोधी पार्टी है.

Patna
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Published : Aug 26, 2020, 9:29 PM IST

पटना: हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी को लेकर बुधवार को लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव द्वारा तंज कसने के बाद बयानबाजी का दौर जारी है. तेज प्रताप ने कहा कि उन्हें राजनीति लालू यादव ने ही सिखाया थी. इसपर हम के प्रवक्ता विजय यादव ने राष्ट्रीय जनता दल पर तंज कसते हुए साफ साफ कहा कि राजद एक दलित विरोधी पार्टी है.

विजय यादव ने कहा कि जीतन मांझी जैसे दलित के बड़े चेहरे को दरकिनार कर बिहार में राजनीति नहीं की जा सकती है. उन्होंने कहा कि जीतन राम मांझी भी बहुत दिनों से सक्रीय राजनीति में हैं. पहले ऐसा लगता था कि महागठबंधन में दलित के हित का काम किया जाएगा. लेकिन महागठबंधन के अंदर कोआर्डिनेशन कमेटी की हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी की मांग को राजद के लोगों ने अनसुना कर दिया. निश्चित तौर पर इससे साबित हो गया है कि राजद दलित विरोधी पार्टी है और उन्हें बिहार के दलितों के हित से कोई लेना देना नहीं है.

राजद का दलित प्रेम एक छलावा
विजय यादव ने साफ-साफ कहा कि जब जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री बने थे तो उन्होंने जो 34 एजेंडे पर काम करना शुरू किया था. उस समय में भी लालू प्रसाद यादव ने नीतीश कुमार का साथ देकर इन्हें गद्दी से हटाने का काम किया. उन्होंने कहा कि राजद का दलित प्रेम एक छलावा है. सच्चाई यही है कि दलितों के नेता को राजद कभी भी आगे बढ़ने देना नहीं चाहती है. उन्होंने कहा कि राजद ने हमेशा से दलितों को अपना वोट बैंक समझा और इसका इस्तेमाल किया है. लेकिन जब उसे हक देने का समय आता है तो इंकार कर देते हैं. बिहार के दलित इन बात को अब समझ चुके हैं और समय आने पर उन्हें जवाब भी देने को तैयार हैं.

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