बिहार

bihar

ETV Bharat / state

KK Pathak News : 'हमें फांसी पर चढ़ा दो..' बोले गुरु रहमान- 'नहीं मानेंगे केके पाठक का आदेश'.. जानें क्या है पूरा मामला - ईटीवी भारत बिहार

कोचिंग संस्थानों को लेकर केके पाठक के नए फरमान के खिलाफ संचालकों ने मोर्चा खोल दिया है. गुरु रहमान ने कहा कि यह आदेश गलत है. पहले छात्र बिहार से पलायन करते थे अब शिक्षक भी बाहर जाने को मजबूर हो जाएंगे. फांसी पर चढ़ा दें लेकिन इस फरमान को हमलोग नहीं मानेंगे पढ़ें पूरी खबर..

kk pathak order wrong regarding coaching institute
kk pathak order wrong regarding coaching institute

By

Published : Aug 3, 2023, 1:10 PM IST

कोचिंग संचालकों में नाराजगी

पटना: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की ओर से हाल ही में सभी डीएम को एक दिशा निर्देश जारी किया गया है. दिशा निर्देश के अनुसार सुबह 9:00 से 4:00 के बीच कोचिंग संस्थानों के संचालन पर रोक लगाने को कहा गया है. इसके पीछे का कारण बताया है कि बच्चे विद्यालय में ना आकर कोचिंग में पढ़ने चले जाते हैं. इन कोचिंग संचालकों की सूची में सिविल सर्विसेज और अन्य प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कराने वाले कोचिंग संस्थान भी शामिल हैं.

पढ़ें-KK Pathak का चाबुक अब कोचिंग संस्थानों पर चला, सुबह 9 से शाम 4 बजे तक नहीं चलेगी क्लास

बोले गुरु रहमान- 'केके पाठक का फरमान अनुचित': सिविल सर्विसेज और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले प्रख्यात शिक्षाविद गुरु रहमान ने कहा कि निसंदेह केके पाठक एक ईमानदार आईएएस अधिकारी हैं. लेकिन इनका जो फरमान कोचिंग के संबंध में आया है वह अनुचित है. क्योंकि 11th, 12th के कोचिंग के संबंध में यदि कोई निर्णय होता तो कहा जा सकता था कि बच्चों की स्कूली पढ़ाई प्रभावित हो रही है. लेकिन हमारे जैसे कोचिंग संस्थानों में स्कूली शिक्षा पास कर चुके और कॉलेज शिक्षा पास कर चुके छात्र ही पहुंचते हैं.

"अगर सुबह 9 बजे से 4 बजे तक कोचिंग बंद करने का सरकार का निर्देश आता है तो हम इसे नहीं मानेंगे, भले हमें फांसी पर चढ़ा दें. क्योंकि कोचिंग चलाने का यही पीक आवर होता है. सरकार हमसे 18% जीएसटी लेती है. सभी प्रकार का रजिस्ट्रेशन है. ऐसे में यदि 9:00 से 4:00 के बीच कोचिंग नहीं चलाएंगे तो सेंटर का किराया नहीं निकलेगा. इस प्रकार के फैसले का एकमात्र प्रभाव यही पड़ेगा कि प्रदेश से पहले ही छात्र पलायन कर रहे हैं और अब शिक्षक भी पलायन कर जाएंगे."- गुरु रहमान, शिक्षाविद

कोचिंग संचालकों में नाराजगी: ऐसे में सिविल सर्विसेज और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले कोचिंग संचालकों का कहना है कि किसी भी हाल में वह 9:00 से 4:00 के बीच अपने शैक्षणिक कार्य को बंद नहीं करेंगे. पटना के महेंद्रू नया टोला में सिविल सर्विसेज प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले शिक्षक प्रियांक कुमार ने कहा कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का यह फरमान तुगलकी फरमान है और इससे शिक्षक तनाव में हैं.

"अगर कोई दिशा-निर्देश जारी करनी है तो 9 से 12 की कक्षाओं के कोचिंग संचालकों के ऊपर कीजिए. हमारे जैसे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले शिक्षकों को 9:00 से 4:00 के बीच कक्षा के संचालन को बंद रखने का निर्देश अनुचित है. बिहार में पहले से कुछ नहीं है, ना यहां उद्योग है ना यहां बड़े यूनिवर्सिटी और ना कॉलेज हैं. छात्र पहले से पलायन कर रहे हैं. ऐसे में यदि इस प्रकार का निर्णय आता है तो शिक्षक पलायन करने लगेंगे."- प्रियांक कुमार, शिक्षक

बोले शिक्षक- 'हाईकोर्ट में करेंगे अपील': शिक्षक प्रियांक कुमार ने आगे कहा कि अपर मुख्य सचिव का तर्क है कि इससे छात्र इस समय अपने स्कूल या कॉलेज में रहेंगे,लेकिन उन छात्रों का क्या होगा जो अब कॉलेज से पासआउट हैं या फिर जो दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से पढ़ाई कर रहे. उनके शिक्षा पाने के अधिकार का क्या होगा? सरकार को अपनी शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त करनी चाहिए ताकि खुद ही छात्र कोचिंग संस्थानों में न जाएं. जो कोई बड़े ब्रांड नहीं हैं और अपने स्तर से कोचिंग चलाते हैं वह शिक्षक पहले से ही आर्थिक रूप से कमजोर हैं. इस प्रकार का कोई निर्णय आता है तो हम हाईकोर्ट में इस निर्णय के खिलाफ अपील दायर करेंगे.

'कोचिंग चलाने पर नहीं रोक'-DM: वहीं पटना जिला अधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने इस मामले पर कहा कि पत्र उन्होंने भी देखा है और पत्र में सुबह 9:00 से 4:00 के बीच कोचिंग चलाने को लेकर उसे रोकने को लेकर कोई निर्देश नहीं है. सुबह 9 बजे से 4 बजे के बीच किसी प्रकार की भी कोचिंग के संचालक पर कोई रोक नहीं रहेगी. चाहे प्रतियोगिता परीक्षा के हो चाहे सिविल सर्विसेज की तैयारी कराने वाले संस्थान हो, वह अपने समय पर संस्थान चलाएंगे.

.. तो उन संस्थानों पर कार्रवाई होगी : पटना जिलाधिकारी की ओर से सभी कोचिंग संस्थानों को यह निर्देश दिया गया है कि जो बच्चे उनके सरकारी विद्यालयों में नामांकित हैं, उन बच्चों को अपने कोचिंग संस्थान में विद्यालय अवधि के बाद ही बुलाए और विद्यालय अवधि में यदि विद्यालय छोड़कर छात्र कोचिंग में पढ़ने आते हैं तो उन संस्थानों पर कार्रवाई होगी.

"कुछ शिकायतें मिली थी कि सरकारी विद्यालयों के शिक्षक विद्यालय अवधि के दौरान कोचिंग संस्थानों में जाकर पढ़ा रहे हैं. इस पर कोचिंग संस्थानों को निर्देशित किया गया है कि कोई भी सरकारी शिक्षक विद्यालय अवधि के दौरान उनके यहां ना पढ़ाएं. विद्यालय अवधि के बाद किसी शिक्षक को कहीं भी पढ़ाना है तो वह जाकर पढ़ा सकता है, उस पर किसी प्रकार की कोई रोक नहीं होगी."-डॉ चंद्रशेखर सिंह, पटना जिला अधिकारी

ABOUT THE AUTHOR

...view details