बिहार में शिक्षक बहाली को लेकर नई नियमावली पर गुरु रहमान से खास बातचीत पटनाः बिहार में शिक्षक बहाली नियमावली को लेकर लगातार विरोध हो रहा है, वहीं सरकार इसे सही बता रही है. सीटेट और बीटेट परीक्षा उत्तीर्ण शिक्षक अभ्यर्थियों की मांग पर गुरु रहमान ने अपनी राय दी. उन्होंने कहा कि BPSC से शिक्षक बहाली का मैं समर्थन करता हूं. यह शिक्षा की क्वालिटि के लिए बहुत अच्छा है, लेकिन जो अभ्यर्थी चार साल से इंतजार कर रहे थे, उनके साथ यह गलत हुआ है. सरकार को यह नियम 7वें चरण के बार से लागू करना चाहिए था, ताकि जो अब शिक्षक बनना चाहते हैं, वे तैयारी कर पाएंगे, लेकिन जो चार साल पहले सीटेट और बीटेट पास कर चुके हैं, वे क्या करेंगे? ईटीवी भारत से खास बातचीत में गुरु रहमान ने अपनी राय रखी...
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बीपीएससी से चयन सराहनीय कदमः गुरु रहमान ने कहा कि बीपीएससी के माध्यम से शिक्षकों का चयन बहुत ही सराहनीय कदम है, इससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षक विद्यालयों को मिलेंगे, लेकिन यह सब अगले बार से होनी चाहिए. एक लाख अभ्यर्थी जो सातवें चरण के शिक्षक बहाली का इंतजार कर रहे हैं उन्हें सीधे नियोजित किया जाना चाहिए. इसके पूर्व सीटेट और बीटेट की परीक्षा ली गई वह क्या थी. 4 वर्ष तक नियोजित करने का आश्वासन सरकार देती रही. एक बार सचिवालय से पत्र भी जारी किया कि सातवें चरण के बहाली के तहत जल्द अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र बांटा जाएगा और इसके बाद अचानक से परीक्षा का निर्णय क्यों आया?
सिलेबस जारी नहीं कियाःशिक्षा मंत्री से पूछना चाहेंगे कि परीक्षा की तैयारी करने के लिए किस विषय की अभ्यर्थी पढ़ाई करें. 29 वर्षों का मेरा अध्यापन का कैरियर है. बीपीएससी और बीएसएससी परीक्षा की तैयारी करा रहे हैं. उनको भी यह नहीं पता है कि बीपीएससी शिक्षक बहाली सिलेबस कैसा होगा?. बीपीएससी ने कोई सिलेबस जारी नहीं किया है, ऐसे में शिक्षक अभ्यर्थी किन विषयों की तैयारी करें. सिलेबस जारी होने के बाद एकाएक परीक्षा तो नहीं ली जाएगी, समय लगेगा. 4 वर्षों से नौकरी की उम्मीद थी हैं, उनकी उम्मीद टूटेगी.
अधिकांश अभ्यर्थी असफल होंगेःसीटेट और बीटेट पास करने के बाद शिक्षकों ने कंपटीशन की तैयारी छोड़ दी. निजी स्कूलों में बतौर शिक्षक ज्वाइन कर लिए. कुछ ट्यूशन पढ़ा रहे हैं ताकि जब विद्यालय ज्वाइन करें तो बच्चों को बेहतर पढ़ा सकें. इसी बीच सरकार ने यह निर्णय ले लिया कि अब इन अभ्यर्थियों को एक बार फिर से शिक्षक बनने के लिए परीक्षा देनी होगी. उन्होंने कहा कि इन शिक्षक अभ्यर्थियों का पढ़ने का लय टूटा हुआ है, ऐसे में संभव है कि परीक्षा में अधिकांश अभ्यर्थी असफल हो जाएं.
शिक्षकों को दो नजर से देखा जाएगाः बीपीएससी की परीक्षा या नियोजित शिक्षक देंगे तो जाहिर है कि कई शिक्षक फेल करेंगे. एक विद्यालय में 8 शिक्षक है और इनमें से छह फेल कर जाते हैं और दो बीपीएससी परीक्षा पास कर जाते हैं और सभी उसी विद्यालय में पढ़ाते हैं. तो फेल किए हैं उन शिक्षकों के ऊपर क्या गुजरेगा. बच्चे भी इन शिक्षकों को दो नजरिए से देखेंगे, एक को फेल शिक्षक की नजर से देखेंगे एक को पास शिक्षक की नजर से देखेंगे. जो परीक्षा में फेल किए शिक्षक रहेंगे वह बच्चों को सही से नहीं पढ़ा पाएंगे, क्योंकि उनका मोटिवेशन लेवल काफी नीचे गिर गया रहेगा. कोई भी अभिभावक नहीं चाहेगा कि उनका बच्चा फेल शिक्षक से पढ़े.
"लालू प्रसाद यादव के बाद नीतीश कुमार पहले ऐसे मुख्यमंत्री होंगे जो शिक्षकों की बहाली बीपीएससी परीक्षा से करेंगे, लेकिन बीपीएससी परीक्षा के तहत शिक्षकों का चयन अगले बार से होना चाहिए. एक लाख के करीब अभ्यर्थी हैं जो सीटेट और बी टेट परीक्षा पास हैं, सरकार को ऐसे अभ्यर्थियों को सीधे नियुक्ति पत्र देनी चाहिए. नियुक्ति पत्र देने के बाद शैक्षणिक दक्षता का कोई परीक्षा ले सकते हैं. बीपीएससी के अध्यक्ष अतुलप्रसाद से अनुरोध करेंगे कि जिस प्रकार वह गुणवत्तापूर्ण अधिकारियों को बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं उसी प्रकार उन्हें ध्यान देना होगा कि गुणवत्तापूर्ण अधिकारी तभी पैदा होंगे जब गुणवत्तापूर्ण शिक्षक विद्यालयों को मिलेंगे."-गुरु रहमान, शिक्षाविद