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Shardiya Navratri 2023: मूर्ति विसर्जन के लिए जिला प्रशासन ने दिए कई निर्देश, पर्यावरण के अनुकूल की गई व्यवस्था

दुर्गा पूजा में मूर्ति विसर्जन (Immersion Of Ma Durga Idol) को लेकर जिला प्रशासन के द्वारा कई तरह के निर्देश जारी किए गए हैं. वही गंगा में मूर्ति विसर्जन करना पूर्णत: निषेध है, मूर्ति विसर्जन के लिए जगह-जगह गंगा किनारे तालाब बनाए गए हैं.

मूर्ति विसर्जन के लिए जिला प्रशासन ने जारी किए निर्देश
मूर्ति विसर्जन के लिए जिला प्रशासन ने जारी किए निर्देश

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 24, 2023, 10:49 AM IST

पटना:शारदीय नवरात्र का मंगलवार को आखिरी दिन है, विजयदशमी के दिन मां दुर्गा के विसर्जनके साथ ही नवरात्रि की समाप्ति हो जाएगी. मां दुर्गा की मूर्ति विसर्जन को लेकर जिला प्रशासन के द्वारा कई तरह के निर्देश जारी किए गए हैं. जिला प्रशासन के अनुसार सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल मूर्ति विसर्जन की व्यवस्था की गई है. मूर्ति विसर्जन के संबंध में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दिल्ली द्वारा मूर्ति निर्माण और इसके विसर्जन हेतु 12 मई, 2020 को जारी संशोधित मार्गदर्शिका का कड़ाई से पालन किया गया है.

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गंगा में मूर्ति विसर्जन पर रोक:गंगा में मूर्ति विसर्जन पर पूर्णत: रोक है, गंगा किनारे बनाए गए तालाब में मूर्ति को प्रवाहित किया जाएगा. जिला प्रशासन के आदेश अनुसार पूजन सामग्री जैसे फूल, कागज और प्लास्टिक से बने अन्य सजावटी सामग्री को मूर्ति के विसर्जन से पहले हटा लिया जाएगा. वहीं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली 2016 के अनुसार जैव विघटनीय सामग्रियां भी अलग कर ली जाएगी.


निर्धारित समय में होगा विसर्जन: पूजा समिति के साथ कृत्रिम तालाबों/विसर्जन स्थल को टैग/चिन्हित करना होगा. कृत्रिम तालाबों/विसर्जन स्थलों को अधिसूचित कर इसके बारे में सभी पूजा समितियों/जनता को सूचित करना है, वहीं मूर्तियों का विसर्जन पुलिस प्राधिकार या जिला प्राधिकार द्वारा निर्धारित समय-सारणी के अनुसार किया जायेगा. विसर्जन स्थल पर जनित ठोस कचरा जैसे फूल, कपड़ा, सजावट सामग्री आदि के जलाने पर रोक लगाई गई है.

48 घंटे में अपशिष्ट पदार्थों को हटाना: ये भी सुनिश्चित करना है कि विसर्जन के 48 घंटे के भीतर मूर्तियों का अवशेष, संचित मलबा, पुआल या जूट की रस्सी समेत अन्य सभी अपशिष्ट पदार्थों को मूर्ति निर्माताओं या अन्य लोगों द्वारा पुनः उपयोग के लिए एकत्र नहीं किया जाता है तो इसे हटा दिया जायेगा और ठोस कचरा संग्रह स्थल पर पहुंचाया जायेगा. इसके साथ ही अगर पूजा समिति या संगठन इन नियमों का उल्लंघन करते हैं तो उसका प्रतिवेदन बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद् को देना होगा.

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