बिहार

bihar

ETV Bharat / state

Patna News: पाटलिपुत्र स्टेशन से जीआरपी ने किया 53 कछुआ बरामद, तस्कर फरार - ईटीवी भारत

बिहार से कछुए की तस्करी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. विदेशों में कछुए की डिमांड के कारण तस्करी के मामले रुक नहीं रहे हैं. पटना के पाटलिपुत्र स्टेशन से 53 कछुआ बरामद किया गया है. नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस से रेल थाना जीआरपी ने कछुए की बरामदगी की है. पढ़ें पूरी खबर

GRP recovered 53 turtles from Patliputra station
GRP recovered 53 turtles from Patliputra station

By

Published : Feb 15, 2023, 12:49 PM IST

Updated : Feb 15, 2023, 1:00 PM IST

पटना:दानापुर के पाटलिपुत्र स्टेशन में रेल थाने की पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. पाटलिपुत्र रेल थाने की पुलिस ने रूटीन चेकिंग के दौरान मंगलवार को पाटलिपुत्र स्टेशन के प्लेटफार्म चार पर खड़ी गाड़ी संख्या 12506 डाउन नाॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस स्लिपर कोच से कछुआ बरामदकिया है. एस 3 व एस 2 के ज्वांइट पर एक थैले में से दो बड़े कछुए और एक जूट के बोरे में से 51 जिंदा कछुओं को बरामद किया गया है.

पढ़ें-हाजीपुर स्टेशन पर ट्रेन से दुर्लभ प्रजाति के 30 कछुए बरामद, कोलकाता के रास्ते विदेश भेजने की थी तैयारी

नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस से 53 कछुआ बरामद:हालांकि इस दौरान तस्कर अपनी पहचान छुपाने में सफल रहा और मौके से फरार हो गया. रेल पुलिस ने थाने में अज्ञात तस्करों के विरुद्ध मामला दर्ज कर अग्रिम कार्रवाई शुरू कर दी है. अनुमान लगाया जा रहा है कि तस्करों के द्वारा कछुए को पाटलिपुत्र के रास्ते कहीं दूर भेजने की तैयारी थी. लेकिन पाटलिपुत्र रेल पुलिस के द्वारा तस्करों के मंसूबों पर पानी फेर दिया गया.

तस्कर हुआ फरार:वहीं रेल थाने की पुलिस ने बताया है कि यह अभियान लगातार जारी है. लगातार सभी ट्रेनों का पाटलिपुत्र जंक्शन पर रूटिंग चेकिंग किया जाता है. थानाध्यक्ष विनोद राम ने बताया कि बरामद जिंदा कछुआ को वन विभाग को सौंपने के लिए प्रक्रिया की जा रही है.

" कछुआ तस्करों के खिलाफ अभियान लगातार जारी है. सभी ट्रेनों का पाटलिपुत्र जंक्शन पर रूटिंग चेकिंग किया जाता है. इसी दौरान नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस से 53 कछुए बरामद हुए हैं. सभी बरामद जिंदा कछुओं को वन विभाग को सौंपने की प्रक्रिया की जा रही है"- विनोद राम, रेल थानाध्यक्ष

विदेशों में डिमांड: एक्सपर्ट बताते हैं कि गंगा नदी में पाया जाने वाला कछुआ दुर्लभ प्रजाति का होता है. जिसको विभिन्न स्थानों पर तस्कर भेजते हैं. कछुओं की मीट और हड्डी को अलग-अलग करने की व्यवस्था की जाती है. फिर इसकी विदेश में मांग के अनुसार सप्लाई होती है. इसका गैंग पूरे देश में फैला है.

इन कारणों से मंडरा रहा खतरा: बीते कुछ समय से कछुओं की जान पर आफत बनी हुई है. कछुओं की तस्करी कर ज्यादातर विदेश भेजने के मामले सामने आते हैं. इसके पीछे का बड़ा कारण कछुए की हड्डी और मांस से बनने वाली दवाइयां हैं. सर्वाधिक आयु तक जीवित रहने वाले कछुए की तस्करी ज्यादा की जाती है. इसके बोन्स और मीट का प्रयोग शक्तवर्धक दवाइयों को बनाने में किया जाता है. इसलिए प्रशासन की ओर से कछुओं को बचाने के लिए लगातार रेड किया जा रहा है.

Last Updated : Feb 15, 2023, 1:00 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details