पटना:बिहार में कोरोना महामारी का प्रभाव काफी बढ़ा हुआ है. साथ ही बाढ़ की बिभिषिका से भी लोग काफी परेशान हैं. बाढ़ ने किसानों की स्थिति और ज्यादा दयनीय कर दी है. बाढ़ से उत्तर बिहार के 14 जिलों में किसानों को फसल की भारी क्षति हुई है. यही नहीं दर्जनों मवेशी भी मरे हैं.
चुनावी साल होने के कारण बाढ़ से जिन किसानों की फसल क्षति हुई है. उसके फसल की क्षतिपूर्ती की राशि देने की घोषणा सरकार ने कर दी है. सिर्फ फसल ही नहीं किसानों के जो मवेशी मरे हैं, उसके नुकसान के रूप में भी सरकार की ओर से 30-30 हजार रुपये दिए जाएंगे.
'किसान और पशुपालकों के साथ खड़ी है सरकार'
इसको लेकर कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि पिछले साल भी 7 लाख 68 हजार 497 किसानों को डीवीटी के माध्यम से उन्होंने 419 करोड़ रुपये फसल क्षतिपूर्ती राशि दिया था. निश्चित तौर पर इस बार भी हम बाढ़ प्रभावित जिले में आकलन करवा रहे हैं. अभी तक प्रारंभिक आकलन में 7 लाख 76 हजार 293 हेक्टेयर में लगी फसल को नुकसान हुआ है. फिलहाल सभी जिलों में आकलन किया है, कुछ और डेटा आना बांकी है. साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य के पशुपालक, मछुआरा और किसान के साथ सरकार खड़ी है और जितना संभव हो सकेगा निश्चित तौर पर हम उन्हें आर्थिक सहायता करेंगे.
समय पर मिलेगी क्षतिपूर्ती की राशि
मंत्री प्रेम कुमार लगातार वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हरेक जिले के पदाधिकारी से संपर्क में है. उन्होंने कहा है कि इस कोरोना संकट और बाढ़ के समय में भी किसानों को किसी तरह की दिक्कत नहीं होने देंगे. किसानों को समय पर फसल क्षतिपूर्ती की राशि दे दी जाएगी.