पटनाः पूरे देश में कोरोना से बचाव के लिए 3 मई तक लॉकडाउन लागू है. इसके तहत देश में सभी काम ठप हैं. वहीं, कुछ क्षेत्रों में ढील भी दी गई है. लेकिन उद्योग, आधारभूत संरचना, छोटे व्यवसाय से लेकर बड़े व्यवसाय और पर्यटन पर ये कहर बनकर आया है. साथ ही सरकार के राजस्व पर भी जबरदस्त असर पड़ रहा है. बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई विभागों को रोजगार सृजन पर फोकस करने का निर्देश दिया है. इसके तहत उद्योग, ग्रामीण विकास, पथ निर्माण, नगर विकास और कई अन्य विभागों ने काम भी शुरू कर दिया है.
सीमेंट फैक्ट्री को शुरू करने की अनुमति
उद्योग विभाग को मुख्यमंत्री ने जल्द से जल्द शुरू करने का निर्देश दिया है. उद्योग मंत्री श्याम रजक ने कहा कि बैठक कर कई फैसले लिए गए हैं. उन्होंने बताया कि सबसे पहले सीमेंट फैक्ट्री और 194 खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को शुरू करने की अनुमति दी गई है. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के साथ कई और फैसले भी लिए गए हैं.
सोशल डिस्टेंसिंग का रखना होगा ख्याल
पथ निर्माण विभाग की भी कई बड़ी योजनाएं लॉक डाउन की वजह से ठप पड़ी हैं. एक दर्जन से अधिक बड़े पुल पर काम चल रहा था जिसका काम रुका हुआ है. पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने बताया कि जिन योजनाओं को मार्च-अप्रैल में पूरा करना था सबसे पहले उस पर काम शुरू करने जा रहे हैं. गांधी सेतु का एक लेन जल्द से जल्द शुरू करने और स्थानीय लोगों को रोजगार मिले इस पर जोर दिया जाएगा. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल रखा जाएगा.
अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान
अभी रबी फसल की कटनी हो रही है. मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग को भी कई निर्देश दिए हैं. कृषि विभाग और सहकारिता विभाग ने गेहूं कटनी और उसकी खरीदारी सही ढंग से करने के लिए काम शुरू कर दिया है. इन सबके बावजूद लॉक डाउन ने अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान पहुंचाया है और विकास कार्य पर भी जबरदस्त असर दिख रहा है.
लॉक डाउन का सभी विभागों पर असर विभागों को काम शुरू करने का निर्देश
बिहार का इस साल का बजट 2,11,761 करोड़ है. लेकिन इस बजट को पूरा करने के लिए सरकार के राजस्व पर कोरोना कहर बरपा रहा है. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लगाए गए लॉक डाउन के कारण सभी तरह के उद्योग धंधे और आधारभूत संरचनाओं का निर्माण ठप है. इन सब को पटरी पर लाने में लंबा समय लगेगा. मुख्यमंत्री ने उपमुख्यमंत्री और आला अधिकारियों के साथ बैठक में कई विभागों के रोजगार सृजन पर जोर दिया है. बिहार में सात निश्चय योजना पर बड़ी राशि खर्च हो रही है तो वहीं मनरेगा और जल जीवन हरियाली अभियान में बड़ी राशि खर्च होगी. इनमें रोजगार के पर्याप्त अवसर हैं. मुख्यमंत्री ने इन विभागों को काम शुरू करने का निर्देश दिया है.