पटना: शिक्षा विभाग ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना (Pre Matric Scholarship Scheme) के तहत राजकीय, राजकीयकृत, सहायता प्राप्त (अल्पसंख्यक विद्यालय सहित) प्रारंभिक विद्यालयों प्रस्वीकृत मदरसा एवं संस्कृत (सहायता प्राप्त) विद्यालयों के कक्षा 1 से 8वीं तक में नामांकित अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (मुसहर एवं भुईयां सहित) के छात्र /छात्राओं को वर्तमान वित्तीय वर्ष में 5 प्रतिशत की अनिवार्यता को शिथिल करते हुए ₹28821.73 लाख (रुपये दो अरब अठासी करोड़ इक्कीस लाख तिहत्तर हजार) मात्र की राशि जारी की है.
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इधर उच्च शिक्षा में ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो (Gross Enrolment Ratio) बढ़ाने को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को निर्देश दिया है कि हायर एजुकेशन में ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो बढ़ाने के लिए यह जरूरी है कि सभी संस्थान अपने यहां नामांकित छात्र-छात्राओं की सही जानकारी अपने पोर्टल पर दर्ज कराएं.
बता दें कि अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण (All India Survey on Higher Education) के 11 वें सर्वेक्षण को लेकर ये महत्वपूर्ण बैठक हुई है, जिसमें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति के साथ शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार जुड़े थे. बैठक में उन्होंने कहा कि वर्तमान में बिहार का GER 14.5 प्रतिशत है जिसे और अधिक बढ़ाये जाने की आवश्यकता है. उन्होंने बैठक में बताया कि GER वार्षिक वेब आधारित 'ऑल इंडिया सर्वे ऑन हायर एजुकेशन' (AISHE) के द्वारा राज्य के सभी उच्च शिक्षा संस्थानों से शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्र-छात्राओं के नामांकन के आधार पर किया जाता है.
इसके लिए आवश्यक है राज्य में सभी प्रकार के उच्च शिक्षण संस्थान AISHE पर पंजीकृत हो एवं पोर्टल पर अपने संस्थान का सही आकड़ों की प्रविष्टि करें जिससे राज्य का GER बढ़ सके. अपर मुख्य सचिव शिक्षा विभाग ने बैठक में उपस्थित सभी कुलपति से अपेक्षा की है कि वे ससमय अपने विश्वविद्यालय एवं उनके अधीनस्थ आने वाले सभी शैक्षणिक संस्थानों के DCF प्रपत्र के अनुसार सभी आकड़ों की शुद्ध एवं पूर्ण रूप से प्रविष्टि 15.02.2022 तक करायें.
राज्य के AISHE समिति के अध्यक्ष सह-सचिव शिक्षा विभाग ने बताया की राज्य में उच्चतर शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों को छात्रवृति का लाभ तभी मिल सकता है, जब छात्रों के पढ़ने वाले संस्थानों का पंजीकरण AISHE पोर्टल पर हो और उनके द्वारा प्रतिवर्ष इस सर्वेक्षण में प्रतिभाग किया जा रहा है. साथ ही उन्होंने बताया की रूसा योजना से भविष्य में सिर्फ वही महाविद्यालय लाभावित हो सकेंगे जो AISHE सर्वेक्षण में भाग लेते हों. इसके अतिरिक्त संस्थानों को NAAC कराने के लिए AISHE सर्वेक्षण में प्रतिभाग कराना आवश्यक है. इस बैठक में राज्य के सभी कुलपति एवं स्टेट नोडल पदाधिकारी आदि उपस्थित थे.
ज्ञात हो कि इस वर्ष 37 विश्वविद्यालय, 948 महाविद्यालय एवं 252 स्टैंडअलोन संस्थानों ने AISHE पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन किया है. AISHE सर्वेक्षण हेतु पोर्टल 28 फरवरी 2022 तक खोला गया है. जिन संस्थानों ने AISHE पर अभी तक पंजीकृत नहीं किया है वह इस पर अभी भी पंजीकृत करते हुए सर्वेक्षण में प्रतिभाग कर सकते हैं.
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