पटना: करीब डेढ़ साल पहले बिहार में करीब 90,700 पदों पर प्राथमिक शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया शुरू हुई थी. विभिन्न वजहों से यह छठे चरण का नियोजन चलता रहा और आखिरकार पिछले साल दिसंबर महीने में पटना हाई कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षा विभाग ने नियोजन का शेड्यूल जारी किया. लेकिन जनवरी महीने में शेड्यूल के मुताबिक काउंसलिंग की डेट जारी नहीं हुई. जिसके बाद अभ्यर्थियों को आशंका हुई कि सरकार बहाली में देर कर रही है या बहाली ही नहीं करना चाहती.
आश्वासन नहीं मिलने पर धरना पर बैठे
इस मामले में जब कहीं से कोई आश्वासन नहीं मिला, तो हजारों शिक्षक अभ्यर्थी पटना में 18 जनवरी से आंदोलन पर बैठ गए. आंदोलन के दौरान लाठीचार्ज भी हुआ और हाईप्रोफाइल ड्रामा हुआ. जब इस पूरे मामले में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव उतरे. क्योंकि प्रशासन ने अभ्यर्थियों को गर्दनीबाग धरना स्थल पर लगातार धरना देने से ही मना कर दिया था. इसके बाद अभ्यर्थी इको पार्क गए. वहां उनकी मदद के लिए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पहुंचे.
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तेजस्वी ने खुद अधिकारियों से की थी बात
तेजस्वी यादव ने खुद फोन से डीएम, डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी से बात की. तब शिक्षक अभ्यर्थियों को एक बार फिर गर्दनीबाग धरना स्थल अलॉट किया गया. आखिरकार सरकार के आश्वासन के बाद 30 जनवरी को अभ्यर्थियों ने अपने आंदोलन को खत्म करने की घोषणा की.
आश्वासन के बाद समाप्त हुआ था आंदोलन
आंदोलन खत्म करने से पहले सरकार की ओर से यह आश्वासन मिला था कि दो-तीन दिनों में काउंसलिंग की डेट की घोषणा कर दी जाएगी. लेकिन अब एक बार फिर यह मामला कहीं ना कहीं खटाई में पड़ता नजर आ रहा है. शिक्षक अभ्यर्थी आशंका जता रहे हैं कि आश्वासन देने के बाद एक बार फिर सरकार ने चुप्पी साध ली है. शिक्षक आंदोलन में शामिल रहे पप्पू कुमार ने बताया कि शिक्षा विभाग से आश्वासन मिलने के बाद ही हम लोगों ने अपना आंदोलन वापस लिया था.