पटना : राकेश टिकैत ने बिहार के परिपेक्ष्य में साफ कर दिया कि यहां बड़े किसान आंदोलन की जरूरत है. यहां के किसानों को संगठित करना पड़ेगा. यहां छोटे-छोटे मूवमेंट जो हो रहे हैं, उसे एक करना होगा. क्योंकि सरकार किसानों को तोड़ रही है, जैसे राजनीतिक पार्टियों को तोड़ती है. इससे किसान आंदोलन कमजोर पड़ रहा है. नेता राकेश टिकैत पटना से सटे बिहटा के अमहरा गांव के किसान नेता स्व त्र्यंबक राज की श्रद्धांजलि सभा में पहुंचे.
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"मुख्यमंत्री से बात किसान नहीं करता है, आंदोलन करता है. किसान आंदोलन करेंगे तो मुख्यमंत्री खुद आकर बात करेंगे. किसानों की जमीन जाएगी तो आंदोलन होगा. बिहार में किसान आंदोलन कमजोर है. इसलिए यहां बड़ा आंदोलन करना पड़ेगा. क्योंकि यह देश आंदोलन से ही बचेगा. राजनीतिक पार्टियां देश को नहीं बचा सकती है." -राकेश टिकैत, किसान नेता
बिहटा में श्रद्धांजलि सभा में पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत 'बीजेपी वाले देश बांट रहे' : बिहटा में राकेश टिकैत ने बीजेपी और केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा ये लोग देश को बांट रहे हैं. भारत में हिंदू दो तरह के हैं. अब हिंदूओं को लिखना पड़ेग कि वह भारतीय हिंदू है या नौरंगिया हिंदू. इसी तरह भारत के मुसलमान भी दो तरह के हैं, एक भारतीय मुसलमान तो दूसरा नौरंगिया मुसलमान. टिकैत ने कहा कि भाजपा और मुसलमान के मामा एक हैं और वह नागपुर में बैठे हैं.
'आंदोलन से ही बच पाएगा देश': राकेश टिकैत ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को लेकर कहा कि जो संघ के लोग बोलते हैं, वही बयान वह देते हैं. वहीं बीजेपी के बारे में कहा कि जिस पार्टी में वरिष्ठ नेताओं का कोई महत्व अब नहीं है, वह क्या देश को चलाएंगे. वह तो देश को बांटने का काम कर रहे हैं. केंद्र में भाजपा की सरकार दोबारा आती है तो बहुत सारे राजनीतिक पार्टियों को सरेंडर करना पड़ेगा और गांव के लोग आंदोलन करेंगे.
सुधाकर सिंह के साथ राकेश टिकैत मेगा औद्योगिक पार्क के लिए चल रही लड़ाई : मालूम हो कि बिहटा में इन दिनों मेगा औद्योगिक संघर्ष समिति के बैनर तले किसान आंदोलन चला रहे हैं. यहां बिहटा के मेघा औद्योगिक पार्क में कई गांव के किसानों की जमीन गई है, लेकिन मुआवजा सही नहीं मिलने के कारण किसान लोग आंदोलन कर रहे हैं, यहां तक की आंदोलन को लेकर किसानों ने हाई कोर्ट में भी केस किया है. कोर्ट की तरफ से आदेश भी आया है, लेकिन अभी तक बिहार सरकार की तरफ से किसानों को मुआवजा नहीं मिल पाया है. अब किसानों को राकेश टिकैत का भी साथ मिलता दिख रहा है.