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तीन तलाक कानून पर बोले RJD के राज्यसभा सांसद- इसके जरिए मुसलमानों को किया जा रहा है परेशान

राजद सांसद अशफाक करीम ने तीन तलाक कानून त्रुटिपूर्ण होने का दावा किया है. पति के जेल जाने पर महिला और बच्चों के भरण-पोषण, पढ़ाई-लिखाई से लेकर कई सवाल खड़े किए. सांसद ने मुसलमानों को परेशान करने की भी बात कही.

राजद सांसद अशफाक करीम

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Published : Aug 4, 2019, 1:01 PM IST

पटना: संसद के दोनों सदनों से तीन तलाक बिल पास हो गया है. तीन तलाक पर विपक्षी पार्टियां सत्तापक्ष को लगातार घेर रही है. वहीं, राजद के राज्यसभा सांसद अशफाक करीम ने तीन तलाक कानून में बहुत ज्यादा त्रुटि होने की बात कही है. बिल में पति के जेल जाने पर महिला के भरण-पोषण पर भी सवाल खड़े किए हैं. साथ ही सांसद ने कहा कि इसके जरिए मुसलमानों को परेशान किया जा रहा है.

सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक पर याचिका दायर

राजद सांसद अशफाक करीम ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि सरकार ने त्रुटि के साथ बिल पास किया है. तीन तलाक देने के बाद महिला का पति जेल चला जायेगा. ऐसे में महिला और उसके बच्चों का भरण पोषण का इंतजाम कैसे होगा. इसमें बच्चों की स्कूल में पढ़ाई-लिखाई, रहने, खाने-पीने का कहीं भी जिक्र नहीं है.

तीन तलाक से पीड़ित मुस्लिम महिलाएं

सिविल की जगह बना क्रिमिनल कानून
राजद सांसद के मुताबिक इसमें बहुत सारी खामियां है. इसके जरिए मुसलमानों को परेशान किया जा रहा है. इस पर सिविल कानून बनना चाहिए. जबकि सरकार ने क्रिमिनल कानून बना दिया. उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि धर्म और मजहब के नियम, कायदे-कानून को सरकार ने बदलने की कोशिश की है. सरकार ने गलत कदम उठाया है.

तीन तलाक कानून पर ईटीवी से बातचीत करते राजद सांसद अशफाक करीम

SC के फैसले का करेंगे इंतजार
राजद सांसद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में इस पर अर्जी दायर की गई है. इसे खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करेंगे. गौरतलब है कि तीन तलाक कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में केरल की एक मुस्लिम संगठन ने और दिल्ली हाईकोर्ट में एक वकील ने भी याचिका दायर की है. याचिका में आरोप लगाया गया है, द मुस्लिम विमन (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज) ऐक्ट, 2019 मुस्लिम पतियों के मौलिक अधिकारों का हनन है. विदित हो कि बिल पर सदन में राष्ट्रीय जनता दल ने विरोध जताया था.

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