पटना: पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक ललित चंद्र त्रिवेदी ने आम बजट 2021-22 में बताया कि रेल में अभी काफी तेजी से काम चल रहा है. जिस तरीके से देश और दुनिया में स्थिति थी, हमें काफी चिंता थी कि इस बजट में सरकार हमें क्या कुछ देगी. लेकिन हमें यह बताते हुए काफी खुशी हो रही है कि हमने जितनी उम्मीद की थी. उससे अधिक सरकार ने रेल के लिए बजट दिया है. उन्होंने बताया कि यात्री अर्निंग के मामले में पूर्व मध्य रेल भारतीय रेलवे में दूसरे स्थान पर रहा.
भारतीय रेल में तीसरा स्थान
गुड्स अर्निंग में हमारा भारतीय रेल में तीसरा स्थान है, जो हमारे लिए काफी गौरव की बात है. बजट रेलवे को आधुनिक सुरक्षित पर्यावरण अनुकूल सस्ती और आरामदायक परिवहन के रूप में बदलने के लिए कार्य किया जाएगा. इस बजट में पूर्व मध्य रेल के लिए 4843.95 करोड़ की राशि आवंटित की गई है. साथ ही आंतरिक संसाधनों सहित अन्य माध्यमों से 6827.53 करोड़ रुपए का निवेश जाएगा. वर्ष 2023 तक भारतीय रेल शत-प्रतिशत विद्युतीकरण कर लिया जाएगा. पूर्व मध्य रेल के पांच मंडलों में 4 मंडल पूर्णता विद्युतीकृत हो चुके हैं.
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मिथिला पेंटिंग बनी पहचान
इस बार के बजट में पर्याप्त धनराशि मुहैया कराई गई है. रेल कर्मियों के निरंतर बेहतर कार्य और साहस की बदौलत किऊल आरआरआई, को सीवरेज सहित अन्य जितने भी लंबित कार्य थे, उसे पूरा कर लिया गया है. झाझा और प्रधान खूंटा से पंडित दीनदयाल उपाध्याय के बीच गती वृद्धि की जा सकी है. अधिकांश ट्रेनों का परिचालन विद्युत इंजन से किया जा रहा है. जिससे न केवल पर्यावरण संरक्षण में मदद मिली है. बल्कि डीजल में होने वाले व्यय में कमी आई है. आधारभूत संरचना में भी काफी सुधार हुआ है. जयनगर से बरडिबास तक रेल परिचालन प्रारंभ होने वाला है. मिथिला पेंटिंग से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पूर्व मध्य रेल की पहचान भी बनी है.
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बजट में पूर्व मध्य रेल को कुछ प्रमुख आवंटित राशि इस प्रकार है
- नई लाइन परियोजना के लिए 3944.5 करोड़ रुपए
- आमान परिवर्तन कार्य के लिए 390 करोड़ रुपए
- दोहरीकरण परियोजना के लिए 3035 करोड़ रुपए
- यात्री सुविधाओं के विकास के लिए 487.66 करोड़ का आवंटन
- सड़क सुरक्षा कार्य के लिए 389 करोड़ का आवंटन
- रेल पथ नवीकरण के लिए 580 करोड़ रुपए
- फुल संबंधित कार्य के लिए 72 करोड़ रुपए
- वर्कशॉप के लिए 135 करोड़ रुपए
- यातायात सुविधा के लिए 25 करोड़ रुपए