पटना:बिहार में हर साल बाढ़ की वजह से कई जिले प्रभावित होते हैं. इस बार आने वाले संभावित बाढ़ को लेकर बिहार सरकार ने अपनी कमर कस रखी है. बिहार सरकार के आपदा मंत्री लक्ष्मेश्वर राय की मानें तो संभावित बाढ़ के मद्देनजर बिहार के 20 जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम को भेजा जा चुका है.
साथ ही आपदा मुख्यालय में पांच टीमों को रिजर्व में रखा गया है. जरूरत के हिसाब से इन टीमों को भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में भेजा जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि बिहार में जितने भी बांध टूटे हुए थे, उनकी भी मरमती पूरी हो चुकी है.
इन जिलों में भेजी गई टीमें
आपदा मंत्री लक्ष्मेश्वर राय के अनुसार कुल 30 एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम को भेजा जा चुका है. सुपौल में एक टीम, मधेपुरा में एक टीम, सहरसा में एक टीम, पूर्णिया में दो टीम, किशनगंज में एक टीम, अररिया में एक टीम, कटिहार में एक टीम, दरभंगा में एक टीम, मधुबनी और मुजफ्फरपुर में दो टीम, वैशाली में एक टीम, सीतामढ़ी में टीम, पूर्वी चंपारण में एक टीम, पश्चिमी चंपारण में टीम, खगड़िया में दो टीम, भागलपुर में एक टीम, गोपालगंज में एक टीम, सारण में एक टीम, सिवान में एक टीम, समस्तीपुर में एक टीम और पटना में एक टीम को अब तक भेजा गया है.
आपदा मंत्री लक्ष्मेश्वर राय से खास बातचीत. कैंपों की संख्या में हुई बढ़ोतरी
आपदा मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए बिहार सरकार ने संभावित बाढ़ के मद्देनजर जिन क्षेत्रों में बाढ़ की संभावना है, उन क्षेत्रों में ऊंचे स्थल को भी चिन्हित कर लिया गया है. सभी कैंपों में मास्क और सैनिटाइजर की व्यवस्था कर दी गई है. साथ ही इस बार पहले की अपेक्षा में कैंपों की संख्या में बढ़ोतरी की गई है. ताकि लोग सोशल डिस्टेंसिंग के तहत रह सकें. महिलाओं और बुजुर्गों के लिए अलग से व्यवस्था की गई है. आपदा विभाग और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में घूम कर जायजा ले रहे हैं.